
Chaiti Chhath 2025 Kab Hai: लोक अस्था का महापर्व छठ पूजा सबसे कठिन और महत्वपूर्ण व्रतों में से एक माना जाता है. हिंदू धर्म में यह पूजा आस्था और सूर्य उपासना का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. यह साल में दो बार मनाया जाता है. पहला चैत्र माह में और दूसरा कार्तिक महीने में. चैत्र माह में मनाए जाने वाले छठ को चैती छठ भी कहते हैं.
चैती छठ की शुरुआत चैत्र में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और सप्तमी तिथि तक चलती है. पहले दिन यानी चतुर्थी तिथि का नहाय खाय के साथ छठ पूजा शुरू होता है. इसके अगले दिन पंचमी तिथि को खरना होता है और षष्ठी को डूबते और सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.
छठ करने वाले व्रती 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखते हैं और डूबते और उगते सूर्य को अर्ध्य देकर छठी मईया की पूजा करते हैं. मूल रूप से बिहार और झारखंड में मनाए जाने वाला छठ व्रत अब पूरे भारत ही नहीं विदेशों तक में जोर शोर से मनाया जाने लगा है. आइए जानते हैं इस वर्ष कब से शुरू होगा चैती छठ और नहाय खाय, खरना और अर्घ्य .
कब है छठ का महापर्व (Chaiti Chhath 2025 Date)
इस साल चैती छठ का महापर्व मंगलवार, 1 अप्रैल से शुरू होगा और 4 अप्रैल तक चलेगा. इस बार चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 2 अप्रैल को रात 11:49 बजे से शुरू होकर 3 अप्रैल को रात 9:41 बजे तक है. इसलिए 1 अप्रैल को नहाय खाय, 2 अप्रैल 2025 को खरना, 3 अप्रैल 2025 को डूबते सूर्य को अर्घ्य और 4 अप्रैल 2025 को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.
कब है नहाय खाय और खरना (Nahay Khay and Kharna)
चार दिन के छठ व्रत की शुरुआत नहाय खाय से होती है और इस बार मंगलवार, 1 अप्रैल को नहाय खाय होगा. दूसरे दिन बुधवार, 2 अप्रैल को खरना होगा. नहाय खाय के दिन व्रती स्नान ध्यान के बाद सूर्य देव और कुल देवों की पूजा करते है. इस दिन शुद्ध और सात्विक भोजन के रूप में कद्दू भात बनाया जाता है और उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है. खरना के दिन शाम को गुड़ के खीर से छठी मैया की पूजा की जाती है और व्रती के बाद पूरा परिवार उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करता है.
कब है शाम के अर्घ्य का समय
गुरुवार, 3 अप्रैल 2025 को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस दिन सूर्यास्त शाम 6:40 बजे होगा.