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This Article is From Jul 10, 2023

गुना: धनिया की खेती से है गुना जिले की पहचान, 124 साल बाद डबल हुई रेलवे लाइन

1844 में गुना में ग्वालियर साम्राज्य की फौज रहा करती थी. 1850 में इस फौज ने विद्रोह कर दिया. जिसके बाद इसे अंग्रेजों की छावनी में तब्दील कर दिया गया. इन बीते वर्षों में गुना का स्वरूप बदलता रहा. साल 2003 में गुना को बतौर जिला अपनी पहचान मिली.

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गुना: धनिया की खेती से है गुना जिले की पहचान, 124 साल बाद डबल हुई रेलवे लाइन

गुना जिला मध्य प्रदेश की उत्तर पूर्वी सीमा के नजदीक स्थित है, जिससे राजस्थान की सरहद महज 35 किमी दूर है. 18वीं  सदी से ही गुना पर मराठा क्षत्रप सिंधिया घराने का राज था. यानि गुना भी ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के अंतर्गत ही आता था.  1844 में गुना में ग्वालियर साम्राज्य की फौज रहा करती थी. 1850 में इस फौज ने विद्रोह कर दिया, जिसके बाद इसे अंग्रेजों की छावनी में तब्दील कर दिया गया.  बीते वर्षों में गुना का स्वरूप बदलता रहा. साल 2003 में गुना को बतौर जिला अपनी पहचान मिली. राजे रजवाड़ों के अधीन रहा गुना अब अपनी पहचान तराश रहा है.

डबल होगी रेलवे लाइन

गुना के राजसी इतिहास में बीना से राजस्थान के बारां तक बिछी रेल लाइन का बड़ा महत्व है. ये रेल लाइन 1899 में सिंधिया के साम्राज्य में ही बिछाई गई थी. इस लाइन पर बीना से राजस्थान के बीच ट्रेन चला करती थी

. जब तक अंग्रेजों की कंपनी ने भारत में रेलवे का काम शुरू नहीं किया था तब तक राजे रजवाड़े ही रेलवे लाइन बिछाते थे. कुछ  समय बाद इस रेल लाइन को राजस्थान के कोटा तक बढ़ा दिया गया. लंबे समय तक इस रेल लाइन पर चंद पैसेंजर ट्रेन ही चलती रहीं. कुछ साल पहले ही इस रेल लाइन को डबल करने का ऐलान किया गया. दोहरीकरण का काम बमुश्किल हाल ही में पूरा हुआ है.

धनिया से पहचान बनाने की कोशिश

गुना की ये रेलवे लाइन इस जिले के लिए जितनी अहम रही है उतनी ही ज्यादा अहमियत धनिया की भी है. जिले में धनिया की पैदावार इतनी ज्यादा है कि देशभर में धनिया के कुल उत्पादन का 25 फीसदी सिर्फ गुना से ही आता है. खासतौर से गुना के कुंभराज का धनिया जो दुनियाभर में प्रसिद्ध है. इसका रंग, महक और पत्तों का आकार इसे खास बनाता है. गुना के लिए धनिया 'एक जिला एक उत्पाद' में तो शामिल हो ही चुका है. इसे जीआई टैग दिलाने की भी पूरी कोशिश जारी है. जिले में हर साल 118000 क्विंटल धनिया की पैदावार होती है.

ये स्थान भी हैं मशहूर

जिले का बीस भुजा देवी मंदिर, गोपी कृष्ण सागर डैम और टेकरी सरकार हनुमान मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध हैं. बीस भुजा देवी मंदिर में बीस भुजाओं वाली देवी विराजित हैं. टेकरी सरकार को भी सिद्ध स्थल माना जाता है. इस स्थान की ऊंची पहाड़ियों पर हनुमानजी की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है. जो दक्षिण मुखी है.

अन्य जानकारी

  • जिला का क्षेत्रफल- 6390 वर्ग किमी
  • कुल जनसंख्या –1240938
  • कुल पंचायत – 425
  • शहरी जनसंख्या –312767
  • कुल गाँव –1338
  • ग्रामीण जनसंख्या –928171
  • नगर पालिका – 5
  • जिले की साक्षरता दर – 65.1
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