
छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तर-पश्चिम में बसा कोरिया जिला, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए जाना जाता है. जिले से होकर कई नदियां बहती हैं, जिनमें से कई का उद्गम स्थल भी यहीं है. 25 मई 1998 को ये जिला अस्तित्व में आया. कोरिया पहले सरगुजा जिले का ही एक हिस्सा था, लेकिन बाद में इसे एक अलग जिला बनाया गया. इस जिले का नाम पूर्व रियासत कोरिया के नाम पर पड़ा है. यहां गुरुघासी दास राष्ट्रीय उद्यान है, जो इस जिले की पहचान भी है. साथ ही कोरिया रियासत के राजा का महल आज भी यहां है, जिसे देखने दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं. कोरिया एक आदिवासी बहुल जिला है. कोल, गोंड, गड़ेरी (गड़रिया) जैसी जनजातियां यहां निवास करती हैं.
इस वजह से जाना जाता गुरुघासी दास राष्ट्रीय उद्यान
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना साल 2001 में हुई थी. इसके पहले ये संजय राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा था.
वहीं गोपद का उद्गम जिले के सोनहत में हैं. उद्यान की प्राकृतिक सुंदरता को देखने दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को छत्तीसगढ़ का चौथा और भारत का 53वां टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है.
इतिहास को सहेजे है ‘कोरिया महल'
कोरिया महल, बैकुंठपुर में स्थित है. इस महल को बनाने का काम 1923 में शुरू हुआ था. मुगल और राजस्थानी शैली के इसके किलो की नक्काशी की गई. महल में कई सारे कमरे हैं और दो प्रांगण है. महल के मुख्य द्वार पर एक तोप रखा, जिसका इतिहास 300 साल पुराना है.
बेहद मशहूर है गौरघाट वॉटरफॉल
गौरघाट वॉटरफॉल, जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 43 किलोमीटर की दूरी पर है. 60 फीट की ऊंचाई से गिरता पानी और आस-पास की हरियाली देखने यहां दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक इस वॉटरफॉल के जल कुंड में गौर पशु आराम किया करते थे, इसी वजह से इसका नाम गौरघाट पड़ा.
कोरिया जिला एक नजर में
- क्षेत्रफल: 2001.779 वर्ग किमी
- जनसंख्या: 658917
- साक्षरता दर: 70.06%
- ब्लॉक / तहसील : 2/ 4
- आबादी ग्राम: 286
- विधानसभा क्षेत्र- 3
- शहरीय निकाय: 2