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This Article is From Aug 23, 2023

ई-स्कूटी लेने से छात्रों ने किया इनकार, कहा- बिजली नहीं रहती है तो चार्ज कैसे करेंगे?

अभिवावकों का कहना है कि ई स्कूटी लेने से मना करने वाले छात्रों के सामने उनके मनमुताबिक विकल्प स्कूल प्रशासन को रखना चाहिए क्योंकि सरकार द्वारा दी गई स्कूटी की राशि पर छात्रों को उनकी पसंद की गाड़ी मिलनी चाहिए.

ई-स्कूटी लेने से छात्रों ने किया इनकार, कहा- बिजली नहीं रहती है तो चार्ज कैसे करेंगे?

शहडोल में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री स्कूटी योजना कार्यक्रम की शुरुआत की है. इस योजना के तहत प्रदेश के सभी जिलों के मेधावी छात्रों को स्कूटी वितरित किया जाएगा. कटनी जिले के 163 छात्र- छात्राओं को आज मुख्यमंत्री स्कूटी वितरण कार्यक्रम के दौरान स्कूटी वितरित किया गया. लेकिन कई छात्रों ने उसे लेने से इनकार कर दिया. 

क्यों मना कर रहे हैं छात्र?

कटनी के उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एक दर्जन से ज्यादा छात्र और उनके अभिभावकों ने नाराजगी जताते हुए कलेक्टर से शिकायत की है कि उन्हें स्कूलों में फॉर्म भरवाते समय पेट्रोल स्कूटी की जानकारी हीं नही दी गई.

इन छात्र-छात्राओं को ई-स्कूटी दिलवाया जा रहा है जबकि वे ई स्कूटी लेने को अब तैयार नहीं है. कई ग्रामीण छात्राओं ने बिजली की समस्या और 3 साल बाद बैटरी बदलने की शिकायत करते हुए स्कूटी लेने से मना किया. जबकि शासन द्वारा सभी छात्रों के खातों में स्कूटी के लिए रकम जमा करवा दिया गया है.

शिकायत पर छात्रा निधि पटेल ने बताया कि उनके गांव में बिजली बहुत कम रहती है और गांव के सड़क में गड्ढे होने की वजह से ई-स्कूटी से चलने में परेशानी होगी, इसलिए निधि ई स्कूटी की जगह पेट्रोल स्कूटी लेना चाहती है.

वहीं एक अन्य छात्रा नाजिया बानो ने बताया कि उनके खाते में 1 लाख 8 हजार रु स्कूटी के लिए आ चुके हैं लेकिन पहले किसी ने यह नही बताया था कि ई स्कूटी की जगह पेट्रोल स्कूटी भी मिल रही है, अब नाजिया पेट्रोल स्कूटी लेना चाहती है.

इसी प्रकार कविता सेन ने बताया कि स्कूल ने उन्हें  पेट्रोल स्कूटी की जानकारी नहीं दी और उनसे ई स्कूटी का कोटेशन भरवा लिया गया है, कविता सेन भी पेट्रोल स्कूटी लेना चाहती है.

बिछुआ से आये अभिवावक रोहित नायक ने बताया कि पहले साइकिल का वितरण जिस तर्ज पर होता था, सभी छात्रों ने सोंचा कि सरकार उसी प्रकार से स्कूटी भेज रही है. यहां आने पर पता चला कि स्कूलों द्वारा हीं कोटेशन बनवाये गए है लेकिन ई स्कूटी अब के छात्र नही लेना चाहते है, 1 लाख 20 हजार रु में मिलने वाली स्कूटी शो रूम में 1 लाख 1 हजार की मिल रही है तो वह 1 लाख 20 हजार में क्यो लें?

अभिवावकों का कहना है कि ई स्कूटी लेने से मना करने वाले छात्रों के सामने उनके मनमुताबिक विकल्प स्कूल प्रशासन को रखना चाहिए क्योंकि सरकार द्वारा दी गई स्कूटी की राशि पर छात्रों को उनकी पसंद की गाड़ी मिलनी चाहिए. अब देखना होगा कि स्कूल प्रशासन छात्रों की शिकायत पर कितना निराकरण कर पाती है.

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