विज्ञापन
Story ProgressBack

मध्यप्रदेश में 17 करोड़ के 8 हजार मीट्रिक टन धान 'गायब' ! जानें कौन-कौन हैं जिम्मेदार

मध्य प्रदेश राज्य में 17 करोड़ के 8 हजार मीट्रिक टन धान के गायब होने की खबर सामने आई है. वहीं, अब इसकी तलाश की जा रही है. लेकिन ये शायद ही मिलने वाला है क्योंकि ये अब सड़ चुके हैं.

Read Time: 5 min
मध्यप्रदेश में 17 करोड़ के 8 हजार मीट्रिक टन धान 'गायब' ! जानें कौन-कौन हैं जिम्मेदार
मध्य प्रदेश में गायब हो गए करोड़ों रुपये की धान

Madhya Pradesh: भारत को विश्व में सबसे ज्यादा धान उत्पादक देश में कहा जाता है. वहीं देश से मोटे चावल और बासमती चावल का निर्यात किया जाता है. लेकिन हाल ही सरकार ने इन चावलों के निर्यात पर रोक लगा दी जिससे की देश के लोगों को अनाज मिल सके. लेकिन शायद धान के रखरखाव के जिम्मेदार लोग इसके लिए सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं. बता दें, मध्य प्रदेश राज्य में 17 करोड़ के 8 हजार मीट्रिक टन धान के गायब होने की खबर सामने आई है. वहीं, अब इसकी तलाश की जा रही है. लेकिन ये शायद ही मिलने वाला है क्योंकि ये अब सड़ चुके हैं.

दरअसल मध्य प्रदेश में अनाज भंडारण के लिए वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन एंड लॉजिस्टिक्स एक सरकारी संस्थान हैं. इस संस्थान की ही जिम्मेदारी है कि, अनाज का भंडारण और रखरखाव सही से हो सके. लेकिन ऐसा लगता है कि, ये संस्थान अनाज के पूर्ण भंडारण में सक्षम नहीं है. इसी वजह से ये संस्थान निजी एजेंसी और गोदाम को अनाज भंडारण का काम देती है. धान के भंडारण के लिए अहमदाबाद की एक संस्था ग्रो ग्रीन को धान के भंडारण का काम दिया गया था.

8 हजार मीट्रिक टन धान हो गए गायब

मध्य प्रदेश में 380000 मीट्रिक टन धान वेयर हाउस में रखी गई और 98000 मीट्रिक टन ओपन कैंप में धान को रखी गई थी.  वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन एंड लॉजिस्टिक जबलपुर के शाखा प्रबंधक सर निमुडा ने बताया कि, 98700 मीट्रिक टन धान जबलपुर के सात स्थान में रखी गई थी.

इनमें हृदयपुर, बरखेड़ा, भरतपुर, बंदरकोला, तेलसनी, बीजापुर और दर्शनी में ओपन कैंप बनाए गए थे. लेकिन यहीं से लगभग 8000 मीट्रिक टन धन कम पाई गई है. वहीं धान के गायब होने के मामले में  वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन एंड लॉजिस्टिक्स ने गो ग्रीन कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज कराई है.
Latest and Breaking News on NDTV

गो ग्रीन ने ओपन कैंप में रखा था धान

ग्रो ग्रीन ने धान को ओपन कैंप में संग्रहित किया था. जो समय से उठाई नहीं गई और वह सड़ गई. अब ये धान किसी काम का नहीं है. दरअसल, ओपन कैंप में करीब 4 फीट ऊंचे कंक्रीट के चबूतरे बनाए जाते हैं. इन्हीं चबूतरों पर धान के बोरों को भरकर जमा किया जाता है. इसके ऊपर से तिरपाल से ढका जाता है. जिससे की बारिश के पानी से अनाज को नुकसान न हो. लेकिन इसके रखरखाव में भी शायद त्रुटि की गई. वहीं, ऐसे ओपन कैंप मध्य प्रदेश के कई शहरों में बनाए गए थे.

ऐसे ही कैंपों में से एनडीटीवी ने जबलपुर के हृदय नगर (हार्दयपुर) स्थित एक कैंप की तस्वीर को देखा. इसमें 17 स्थान पर हजारों बोरे धान सड़ चुकी है और अब उसे समेटकर फिर बोरों में भरा जा रहा है. यहां काम कर रहे लोगों ने बाया कि, यह स्थान खाली किया जाना है. इसलिए खराब धान को बोरों में भरा जा रहा है. हालांकि, उन्हें ये नहीं पता है कि, इन धान को कहा ले जाया जाएगा.
Latest and Breaking News on NDTV

वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन एंड लॉजिस्टिक्स भी है दोषी

दरअसल, प्रदेश में पिछेल 5 साल के दौरान जब धान सड़ रहा था. तब भी धान की देखरेख की जिम्मेदारी सरकारी संस्था वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन एंड लॉजिस्टिक को ही दी गई. लेकिन इस संस्था ने अपनी जिम्मेदारी को ठीक तरह से पूरा नहीं किया. अगर संस्थान अपनी जिम्मेदारी निभाई होती तो करोड़ रुपये के धान सड़ने से बच सकते थे. वहीं, गो ग्रीन पर पहले ही जुर्माना लगाया जा सकता था.

यह भी पढ़ेंः मध्य प्रदेश में लोगों ने जताई है नई सरकार से बड़ी अपेक्षाएं, शिक्षा-रोजगार से लकेर क्या है 10 बड़े मुद्दे

Latest and Breaking News on NDTV

जुर्माने के लिए चलेगी लंबी कानूनी कार्रवाई

गो ग्रीन एक बहुत ही पुरानी वेयरहाउस कंपनी है जिस पर जुर्माना लगाया गया है. लेकिन इस जुर्माने के लिए लंबी कानूनी कार्रवाई चलेगी. इस बारे में जानकार बताते हैं कि, जुर्माना तो लगा दिया गया है, लेकिन इसे वसूलना बहुत टेढ़ी खीर है. सरकार को इसके लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी.

यह भी पढ़ेंः मध्यप्रदेश में बिना तूफानी प्रचार किए मायावती बिगाड़ सकती हैं कांग्रेस-बीजेपी का खेल ! जानिए कैसे?

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close