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This Article is From Sep 13, 2023

जबलपुर : चुटका परमाणु संयंत्र का विरोध, नर्मदा को बचाने के लिए संगठन ने चलाया जागरुकता अभियान

चुटका परमाणु बिजली प्रोजेक्ट का विरोध करने वाले संगठन का कहना है कि इस संयंत्र से निकलने वाले रेडियोएक्टिव युक्त पानी को नर्मदा में बहाया जाएगा, जिससे नर्मदा सहित सभी सहायक नदियां प्रदूषित हो जाएंगी.

जबलपुर : चुटका परमाणु संयंत्र का विरोध, नर्मदा को बचाने के लिए संगठन ने चलाया जागरुकता अभियान
जबलपुर:

जबलपुर और मंडला के बीच जहां एक ओर सरकार चुटका परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने की तैयारी कर रही है वहीं दूसरी ओर स्थानीय जनता के बीच इस प्रोजेक्ट के विरोध में जन जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. राजीव गांधी पंचायती राज संगठन और कांग्रेस द्वारा इस परमाणु परियोजना का जमकर विरोध किया जा रहा है.

संगठन का आरोप- इस प्रोजेक्ट से दूषित हो जाएगी नर्मदा

राजीव गांधी पंचायती राज संगठन और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र में एक रैली निकाली और चुटका परमाणु घर से होने वाले संभावित नुकसान के संबंध में लोगों को जानकारी दी. चुटका परमाणु बिजली प्रोजेक्ट का विरोध करने वाले संगठन का कहना है कि इस संयंत्र से निकलने वाले रेडियोएक्टिव युक्त पानी को नर्मदा में बहाया जाएगा, जिससे नर्मदा सहित सभी सहायक नदियां प्रदूषित हो जाएंगी. नदियों का पानी प्रदूषित होने की वजह से न केवल इंसानों बल्कि जलीय जीवों को भी नुकसान पहुंचेगा.  इस प्रोजेक्ट को रोकने की मांग को लेकर इस संगठन ने राष्ट्रपति के नाम का एक ज्ञापन जिला प्रशासन के अधिकारियों को सौंपा है.

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पहले भी होता रहा है विरोध

राजीव गांधी पंचायती राज संगठन द्वारा पहले भी इस संयंत्र का विरोध किया जा चुका है. इस संगठन के संयोजक विवेक अवस्थी का कहना है कि हमारे द्वारा जो यह सौंपा गया है उसका मूल उद्देश्य जीवन को बचाना है. नर्मदा जी का मतलब है पूरे मध्यप्रदेश का जीवन. हम लोग एक साल से इस संगठन के बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं.

विवेक अवस्थी का कहना है कि चुटका परमाणु परियोजना अगर बन जाती है तो इसका दूषित पानी नर्मदा जी के जल में मिलेगा और प्रदूषित करेगा. यह पानी न तो पीने, न तो नहाने और न ही सिंचाई के लायक रहेगा. हम नर्मदा को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

 

1400 मेगावॉट होगी क्षमता, स्वदेशी तकनीक से होगा तैयार

केंद्र सरकार ने देश में दस स्वदेशी परमाणु ऊर्जा रिएक्टर लगाने के लिए जून, 2017 में शासकीय और वित्तीय मंजूरी दी थी. उन दस परमाणु संयंत्रों में एक मध्यप्रदेश का चुटका संयंत्र भी था. इन रिएक्टरों में से हर एक की क्षमता 1400 मेगावॉट होगी. स्वदेशी तकनीकी से निर्मित ये रिएक्टर भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) की ओर से लगाए जाएंगे.
 

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