
एनडीटीवी की खबर का बड़ा असर हुआ है, बुधवार को एनडीटीवी ने नेत्रहीन कन्या विद्यालय की बदहाली पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी. जिसमें बताया गया था कि कैसे बारिश के मौके पर स्कूल में पानी भरा होता है और नेत्रहीन छात्राओं को रातभर जागना पड़ता है. इसी खबर पर प्रशासन हरकत में आया और गुरुवार को जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू सुबह-सुबह नेत्रहीन कन्या विद्यालय एवं छात्रावास पहुंचे और छात्राओं से समस्याओं पर चर्चा की.
जल्दी नए भवन में शिफ्ट करने का दिया भरोसा
महापौर ने विद्यालय पहुंचकर अपने हाथों से छात्राओं को भोजन कराया और जल्द ही वैकल्पिक भवन में शिफ्ट करने का भरोसा भी दिया.

नेत्रहीन छात्राओं को खाना खिलाते महापौर (फाइल फोटो)
जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह ने बताया कि एनडीटीवी और कुछ अधिकारियों से उन्हें पता चला कि विद्यालय में पानी भर गया है. महापौर के अनुसार उन्होंने अधिकारियों को नेत्रहीन कन्या विद्यालय एवं छात्रावास से तुरंत पानी निकालने के लिए निर्देशित किया है.
नया भवन तो है लेकिन हस्तांतरण प्रक्रिया में फंसा हुआ है
महापौर ने बताया कि जो नया भवन बना है उसके हस्तांतरण की प्रक्रिया अभी चल रही है इसे जल्दी ही निपटाया जायेगा साथ ही एक दो - दिन में ही इन बच्चों को वैकल्पिक स्थान पर स्थानांतरित किया जायेगा.
गौरतलब है कि जबलपुर के नेपियर टाउन, भंवरताल स्थित नेत्रहीन कन्या विद्यालय एवं छात्रावास में 89 नेत्रहीन छात्राएं रहती हैं और इस समय भी करीब 43 छात्राएं छात्रावास में हैं.
खाने-पीने और सोने का सामान डूब गया
कुछ समय पहले नेत्रहीन कन्या विद्यालय एवं छात्रावास के सामने कल्चरल स्ट्रीट बनाए जाने से नाली संकरी हो गई थी और इस स्कूल में पानी भरने लगा. पिछले 48 घंटों से लगातार हो ही बारिश के कारण नेत्रहीन कन्या विद्यालय एवं छात्रावास में पानी भर गया जिससे बच्चों के सोने वाले बिस्तर, खाने पीने का सामान व अन्य सामान पानी में डूब गया. सबसे शर्मनाक तो ये रहा कि इन छात्राओं ने पूरी रात खड़े होकर गुजारी
एनडीटीवी की खबर का हुआ असर
एनडीटीवी की टीम ने जब ये दुर्दशा देखी तो इस पर खबर प्रकाशित की. इस खबर के प्रकाशित होने के बाद ही जबलपुर के महापौर नेत्रहीन विद्यालय पहुंचे.

एनडीटीवी से बात करते महापौर (फाइल फोटो)
इस विद्यालय एवं छात्रावास के प्राचार्य ने बताया था कि नया भवन बन गया है लेकिन अभी कुछ और प्रक्रिया बाकी है जिसके बाद ही शिफ्ट हो पायेंगे. नेत्रहीन विद्यालय की छात्रा भी महापौर को अपने बीच पाकर बेहद खुश थी, और अगर उन्हें जल्द ही अपना नया आशियाना मिल जायेगा तो उनकी ये खुशी भी कायम रहेगी.