विज्ञापन
This Article is From Aug 25, 2023

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा. 'चंद्रयान-3 की लागत हॉलीवुड की अंतरिक्ष पर आधारित फिल्म से भी कम'

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा,‘‘चंद्रयान-3 की लागत केवल 600 करोड़ रुपये है. हॉलीवुड में अंतरिक्ष और चंद्रमा के विषय पर बनने वाली केवल एक फंतासी फिल्म की लागत 600 करोड़ रुपये से ज्यादा होती है.’’

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा. 'चंद्रयान-3 की लागत हॉलीवुड की अंतरिक्ष पर आधारित फिल्म से भी कम'

चंद्रयान-3 की सफलता से गदगद विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि करीब 600 करोड़ रुपये की इस किफायती परियोजना की लागत अंतरिक्ष और चंद्रमा के विषय पर हॉलीवुड में बनने वाली एक फंतासी फिल्म से भी कम है. सिंह ने इंदौर में 26वें राष्ट्रीय ई-प्रशासन सम्मेलन में भाग लेने के बाद चंद्रयान-3 पर चर्चा के एक सत्र में कहा कि भारत ने अन्य देशों के मुकाबले बेहद किफायती लागत वाले अंतरिक्ष अभियानों को अमली जामा पहनाया है. यह सत्र इंदौर के लोकसभा सांसद शंकर लालवानी ने अलग से आयोजित किया था.

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा,‘‘चंद्रयान-3 की लागत केवल 600 करोड़ रुपये है. हॉलीवुड में अंतरिक्ष और चंद्रमा के विषय पर बनने वाली केवल एक फंतासी फिल्म की लागत 600 करोड़ रुपये से ज्यादा होती है.''

सिंह ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा,‘‘मैं इन दिनों ज्यादा फिल्में नहीं देखता, लेकिन कल मुझे एक व्यक्ति ने बताया कि (भारत में) आजकल एक-दो अभिनेता एक फिल्म के बदले 100 करोड़ रुपये तक फीस लेते हैं. मैं यह बात जानकर हैरान रह गया क्योंकि गुजरे जमाने में दिलीप कुमार जैसे बड़े अभिनेता पांच-छह लाख रुपये लेकर देवदास सरीखी फिल्मों में काम कर देते थे.''

चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के प्रयोग बृहस्पतिवार से शुरू हो गए हैं जो कुल 14 दिन चलने हैं. जितेंद्र सिंह ने जोर देकर कहा कि ये प्रयोग चंद्रमा के बारे में नये वैज्ञानिक अनुसंधानों की जमीन तैयार करेंगे.

सिंह ने कहा,‘‘चंद्रमा की सतह पर ऑक्सीजन और हाइड्रोजन की उपस्थिति के बारे में वैज्ञानिक अनुसंधानों से हमें इस प्रश्न का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उत्तर मिल सकता है कि चंद्रमा पर मानव जीवन की संभावना है या नहीं? यह बात अन्य देशों के चंद्रमा अभियानों से एकदम अलग होगी.''

उन्होंने यह भी कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता साबित करती है कि भारत, अंतरिक्ष अनुसंधान में अग्रणी चुनिंदा देशों के बराबरी के स्तर पर पहुंच गया है और 'कुछ क्षेत्रों में इन मुल्कों की अगुवाई भी कर सकता है.'

सिंह ने कहा,‘‘अमेरिका ने भले ही नील आर्मस्ट्रांग के रूप में पहले मानव को 1969 में चांद पर उतारा था, लेकिन इसकी सतह पर पानी होने का प्रमाण भारत का चंद्रयान-1 ही लेकर आया था.''

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close