जी-20 के श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक में दस्तावेजों पर सर्वसम्मति बनी है, जिसकी जानकारी पत्रकार वार्ता में केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा दी गई. जिन दस्तावेजों पर सर्वसम्मति बनी है बैठक में जिन बातों पर सहमति बनी है, उससे निकले परिणामों को लागू करने से भारत के युवाओं को रोजगार के लिए मदद मिलेगी. जोधपुर, गुहावटी और जिनेवा के बाद जी-20 समूह के वर्किंग ग्रुप की चौथी बैठक इंदौर में संपन्न हुई.
इसमे जी-20 में शामिल देशों के अलावा 9 अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस मीटिंग के लिए 176 विदेशी डेलीगेट्स, 26 मंत्री व अंतराष्ट्रीय प्रतिनीधी भी शामिल हुए. श्रम और रोजगार पर आधारित समिट में श्रम दक्षता, नवीन रोजगार सहित अन्य विषयों पर मंथन हुआ। केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने समिट हुई चर्चा व उनके निष्कर्ष को मीडिया से साझा किया. उन्होंने बताया कि जी-20 देशों के श्रम व रोजगार मंत्रियों की बैठक में सहमति बनाकर जी-20 देशों की ओर से श्रम व रोजगार दस्तावेज को अंतिम रूप दिया गया.
इस दस्तावेज को सितंबर में होने वाले जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में रखा जाएगा. वर्किंग ग्रुप की बैठक में जी-20 देशों के श्रम व व्यापार समूहों के साथ इंटरनेशनल आर्गनाइजेशन आफ एम्प्लायर्स (आइओई) भी शामिल हुआ. शुक्रवार को तीन दिनों तक चले इस आयोजन के समापन के पश्चात केन्द्रीय मंत्री नें जी 20 समिट के आखिरी दिन तैयार फाइनल ड्राफ्ट को मीडिया से साझा किया. भूपेन्द्र यादव ने बताया कि वैश्विक स्तर पर कौशल में व्याप्त अंतराल को दूर करना जरूरी है. इसके लिए रणनीति कैसी होनी चाहिए और जी-20 देशों की प्राथमिकताएं क्या हैं, अस्थायी रोजगार वाले श्रमिकों के लिए समुचित मर्यादित काम के अवसर के साथ सामाजिक सुरक्षा पर भी बात हुई.
रोजगार के साथ नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए पर्याप्त अर्थतंत्र कैसे विकसित हो, सतत वित्त पोषण के लिए किस तरह आगे बढ़ना चाहिए, इन बिंदुओं को भी मसौदे में शामिल किया गया है. केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने बताया की इस समिट में तीन विषय ग्लोबल स्किल गैप, श्रमिकों के लिए पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा और सभ्य कामकाजी परिस्थितियां विषय पर चर्चा हुई. केन्द्रीय मंत्री ने जी20 के तीनों प्रमुख विषयों के अलावा पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने साफ कह दिया कि आज सिर्फ जी-20 के मसौदे पर बात होगी.