
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष ने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं. 26 विपक्षी दलों ने चुनावी बिसात बिछाते हुए मंगलवार को 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (I.N.D.I.A.) नामक गठबंधन की घोषणा की. वैसे, 2024 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को हराना बेहद मुश्किल होगा. नेता के तौर पर किसी एक नाम पर सहमति बनाना विपक्ष फिलहाल टाल सकता है, लेकिन अगर उन्हें BJP को शिकस्त देनी है, तो उन्हें 'ड्रामेटिक अंदाज़ में' स्ट्राइक रेट को बेहतर करना होगा. लोकसभा चुनाव 2019 के आंकड़ों से यह बात साफ़ ज़ाहिर होती है.
2024 के संसदीय चुनाव में BJP से मुकाबिल होने के लिए दो दर्जन से अधिक विपक्षी दलों ने I.N.D.I.A. नाम से एक नया मोर्चा घोषित किया है, लेकिन ट्रैक रिकॉर्ड बताता है कि अगर वे वास्तविक चुनौती पेश करना चाहते हैं, तो उन्हें काफी ग्राउंड कवर करना होगा.

वर्ष 2019 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा चुनकर सत्तासीन हुए थे, तब BJP और कांग्रेस के स्ट्राइक रेट या विनिंग रेट में काफी अंतर था. दोनों दलों के बीच सीधे मुकाबले में BJP ने 92.1 प्रतिशत की जबरदस्त स्ट्राइक रेट का दावा किया था, जबकि कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सिर्फ 7.9 प्रतिशत पर सिमटकर रह गया था.

लोकसभा की कुल 543 सीटों में से लगभग 190 सीटों पर, जहां कांग्रेस और BJP के बीच सीधा मुकाबला था, सत्ताधारी पार्टी ने 175 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था, जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ़ 15 सीटें आई थीं. 2024 में BJP को चुनौती देने के लिए कांग्रेस को इस आंकड़े में काफी सुधार करना होगा.

उधर, गैर-कांग्रेसी दलों ने 2019 के आम चुनाव में BJP के शानदार स्ट्राइक रेट 69.2 प्रतिशत के मुकाबले 30.8 प्रतिशत के स्ट्राइक रेट से प्रदर्शन किया था.

विपक्षी मोर्चे के लिए कांग्रेस बेहद ज़रूरी है, यह सच्चाई इस आंकड़े से ज़ाहिर होती है कि गैर-BJP दलों का सामना करते समय सबसे पुरानी पार्टी ने गैर-BJP दलों के 47.9 प्रतिशत की तुलना में 52.1 प्रतिशत की स्ट्राइक रेट के साथ काफी बेहतर प्रदर्शन किया था.
सो, यदि विपक्ष 2024 के चुनाव में सार्थक प्रभाव डालना चाहता है, तो उसे BJP के खिलाफ अपने स्ट्राइक रेट को 50 फीसदी से अधिक बढ़ाने की आवश्यकता होगी. BJP के खिलाफ एकजुट होने की विपक्ष की योजना बेहद चुनौती-भरी है. PM नरेंद्र मोदी ने गठबंधन के सदस्यों की 'अवसरवादी' और 'भ्रष्ट' नेताओं के रूप में आलोचना की है, जो विश्वस्तर पर भारत को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, और अब केवल अपने राजनीतिक करियर को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
दूसरी ओर, NDA भी एक्टिव हो गया है. PM और BJP ने NDA को पुनर्जीवित करने के लिए काम शुरू कर दिया है. BJP ने 38 दल एकत्र कर लिए हैं, जिनमें कई सीमित क्षेत्रीय प्रभाव वाले हैं, क्योंकि वे आगामी चुनावी लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं. PM ने मंगलवार को शक्ति प्रदर्शन के दौरान विपक्ष के एकजुट होने के प्रयासों को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि हम भारत के लोगों को एकजुट करते हैं, वे भारत के लोगों को विभाजित करते हैं.