National Doctor's Day 2024 Inspirational Story: जबलपुर (Jabalpur) के डॉक्टर (कैप्टन) एमसी डावर (Dr M C Dawar) 76 की उम्र में अपनी झुकी कमर के बाद भी पिछले 30 साल से 5 रुपए में रोज 200 मरीज देख रहे थे, महंगाई बढ़ी तो मरीजो ने ही सलाह दी तो 5 रुपये को फीस (Doctor's Fees) 50 साल में अब 20 रुपए हो गई. डॉक्टर डावर के यहां क्लीनिक खुलने के पहले से ही 10- 20 मरीज जुट जाते हैं. साधारण सी क्लीनिक में रखी बेंच में सब एक से बैठते हैं. गरीब, अमीर, वीआईपी सब अपने अपने नंबर आने पर ही डॉक्टर (कैप्टन) एमसी डावर से मिल सकते हैं. आइए जानते है इनकी कहानी...
सेना में रहे हैं डॉ डावर
डॉक्टर (कैप्टन) एमसी डावर सेना में डॉक्टर रहे, 1971 की जंग में घायल सैनिको का इलाज किया था. डॉ डावर का जन्म 1946 में पाकिस्तान में हुआ था. बंटवारे के पहले ही डेढ़ साल की उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया था. कठिन परिस्थितियों में उन्होंने स्कूल की पढ़ाई पंजाब के जालंधर से की, जिसके बाद जबलपुर, मध्य प्रदेश के मेडिकल कालेज से उन्होंने MBBS की डिग्री हासिल की.
जबलपुर में ऐसे हुई शुरुआत
डॉक्टर (कैप्टन) एमसी डावर ने 10 नवंबर 1972 को जबलपुर में अपने सबसे पहले मरीज की जांच की थी. डॉक्टर (कैप्टन) एमसी डावर ने एनडीटीवी को बताया कि 1986 तक 2 रुपए फीस ली, फिए 3 रुपए लेना शुरू किया, 1997 में 5 रुपए और फिर 15 साल बाद 2012 में फीस 10 रुपए तक बढ़ाई. पिछले साल नवंबर से ही फीस 20 रुपए बढ़ा दी है, कई बार गरीब मरीज से वह भी नहीं लेते. आज भी जबलपुर में वे 2 रुपये वाले डाक्टर के नाम से मशहूर हैं.
पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित
74वें गणंतत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों (Padma Awards 2023) की घोषणा की गई थी. पद्म श्री पुरस्कार पाने वालों में जबलपुर, मध्य प्रदेश के एक डॉक्टर भी शामिल थे. वे थे डॉ. मुनीश्वर चंद्र डावर, इस अवार्ड से पूरा प्रदेश झूम उठा लोगों को लगा कि सही व्यक्ति को सही अवार्ड दिया गया है.
पीएम मोदी ने डॉ एससी डावर से मुलाकात की
लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए पीएम मोदी संस्कारधानी जबलपुर पहुंचे. पीएम मोदी ने एयरपोर्ट में सबसे पहले डॉ एससी डावर से मुलाकात की. एमसी डावर के साथ मुलाकात की फोटो पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर शेयर की है. पीएम मोदी ने फोटो शेयर करते हुए लिखा- "जबलपुर एयरपोर्ट पर पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ एमसी डावर से मिलने का अवसर मिला. गरीबों और वंचित वर्गों के इलाज के उनके प्रयासों के लिए जबलपुर और आसपास के इलाकों में कई लोग उनकी प्रशंसा करते हैं." NDTV कामना करता है की डॉ. मुनीश्वर चंद्र डावर शतायु हो और नई पीढ़ी के डाॅक्टर उनसे शिक्षा लें.
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