Former prime minister Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तबीयत बिगड़ने के बाद गुरुवार शाम उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया. सूत्रों ने बताया कि 92 वर्षीय सिंह की हालत गंभीर है. उन्हें अस्पताल के आपातकालीन विभाग में लाया गया है.
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह एम्स के इमरजेंसी वार्ड में एडमिट...
— NDTV India (@ndtvindia) December 26, 2024
सूत्रों ने जानकारी दी कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की तबीयत काफी नाजुक है. उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया#ManmohanSingh pic.twitter.com/nqiUDicrWw
सूत्रों ने बताया कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की तबीयत काफी गंभीर है. उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद एम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया. सूत्रों से मिली जानकरी के मुताबिक, रात 8 बजे के करीब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को AIIMS लाया गया. सूत्र बता रहे हैं कि डॉक्टर सिंह को लंग्स इन्फेक्शन है. फिलहाल डॉक्टरों की टीम गहनता से जांच कर रही है.
पत्नी गुरशरण कौर और प्रियंका गांधी दिल्ली एम्स पहुंची
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे हैं. वह कई महीनों से व्हीलचेयर पर ही हैं. अभी एम्स में डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं. अचानक उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने पर एम्स के इमरजेंसी वार्ड में उन्हें लाया गया. इस बीच मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर भी दिल्ली एम्स पहुंची हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के परिवार के सदस्यों का एम्स पहुंचना शुरू हो गया है. एम्स के अंदर सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को बढ़ाया जा रहा है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी दिल्ली एम्स पहुंची हैं.
सरल स्वभाव के लिए जाने जाते हैं मनमोहन सिंह
पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह शांत और अपने सरल स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. यही कारण है कि उनकी पार्टी के राजनीतिक विरोधी भी उनका सम्मान करते हैं. सिंह राजीव गांधी की सरकार में साल 1985 से 1987 तक भारतीय योजना आयोग के प्रमुख के पद पर भी रहे. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के साथ भी काम किया. इसके साथ ही वह 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर भी रहे. इस दौरान उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में कई सुधार किए. जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है.
आर्थिक सुधारों के लिए किए जाते हैं याद
डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत में हुए आर्थिक सुधारों में अहम भूमिका निभाई थी. वह साल 1991 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री भी रहे. उन्होंने बजट के दौरान उदारीकरण, निजीकरण और वैश्विकरण से जुड़ी कई घोषणाएं की थी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिली. मनमोहन सिंह को वर्ष 1987 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा उन्हें साल 1995 में जवाहरलाल नेहरू बर्थ सेंटेनरी अवॉर्ड ऑफ द इंडियन साइंस कांग्रेस, 1993 में वर्ष के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवॉर्ड, 1956 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का एडम स्मिथ पुरस्कार जैसे कई सम्मान से नवाजा गया. वहीं उन्हें कैम्ब्रिज और ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी समेत कई विश्वविद्यालयों की ओर से मानद उपाधियां भी दी गईं.