NITI Aayog MPI Report: नीति आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले नौ साल के दौरान करीब 24.82 करोड़ लोग गरीबी (Poverty) रेखा से बाहर आए हैं. सोमवार को जारी हुई इस रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2013-14 के दौरान देश में 29.17 प्रतिशत गरीबी थी, जो 2022-23 में घटकर 11.28 प्रतिशत रह गई. इस अवधि के दौरान गरीबी में सबसे ज्यादा कमी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), बिहार (Bihar) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आई है. नीति आयोग (NITI Aayog) ने बहुआयामी गरीबी रिपोर्ट (Multidimensional Poverty Index) को स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनस्तर में सुधार के जरिए मूल्यांकन कर तैयार किया है.
24.82 crore people escaped multidimensional poverty in last 9 years
— NITI Aayog (@NITIAayog) January 15, 2024
According to a Discussion Paper released by NITI Aayog today on Multidimensional Poverty, since 2005-06, India has registered a significant decline in #MPI from 29.17% in 2013-14 to 11.28% in 2022-23 which is a… pic.twitter.com/XEOvbzz8j4
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "बहुत उत्साहजनक. यह समावेशी विकास को आगे बढ़ाने और हमारी अर्थव्यवस्था में परिवर्तनकारी बदलावों पर ध्यान केंद्रित करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. हम चौतरफा विकास और प्रत्येक भारतीय के लिए समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना जारी रखेंगे."
Very encouraging, reflecting our commitment towards furthering inclusive growth and focussing on transformative changes to our economy. We will continue to work towards all-round development and to ensure a prosperous future for every Indian. https://t.co/J20mVQbqSA
— Narendra Modi (@narendramodi) January 15, 2024
गरीबी मापने के लिए ये रहे आयाम
नीति आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी को मुख्य रूप से तीन बिंदुओं के आधार पर मापा गया है. जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनस्तर मुख्य हैं. इसके साथ ही 12 सतत विकास लक्ष्यों के संकेतकों को भी ध्यान में रखा गया है. इनमें पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, मातृत्व स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, पीने का पानी, बिजली, आवास, संपत्ति और बैंक खाते शामिल हैं. बता दें कि नीति आयोग का राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) गरीबी दर में गिरावट का आकलन करने के लिए ‘अलकायर फोस्टर मैथड' का उपयोग करता है. हालांकि, नेशनल एमपीआई में 12 संकेतक शामिल हैं जबकि वैश्विक एमपीआई में 10 संकेतक हैं.
इन राज्यों में कम हुई गरीबी
एमपीआई रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा गरीबी उत्तर प्रदेश कम हुई है, जहां 5.94 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. लिस्ट में दूसरे स्थान पर बिहार है, जहां 3.77 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं. इसके बाद मध्य प्रदेश का स्थान है, जहां 2.30 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले. नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने मीडिया से कहा कि नौ साल में 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आएं हैं. यानी हर साल 2.75 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले.
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) बी वी आर सुब्रमण्यम ने कहा, "सरकार का लक्ष्य बहुआयामी गरीबी को एक प्रतिशत से नीचे लाना है और इस दिशा में सभी प्रयास किए जा रहे हैं."
MP के सीएम और पूर्व सीएम ने क्या कहा?
नीति आयोग की एमपीआई रिपोर्ट को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह डबल इंजन सरकार की बेहतर नीतियों का असर है. जिसके चलते गरीबों का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है.
डबल इंजन सरकार की बेहतर नीतियों का असर
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) January 15, 2024
गरीबों का जीवन स्तर हो रहा बेहतर
नीति आयोग द्वारा जारी राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक की रिपोर्ट के अनुसार विगत 9 वर्षों मे मध्यप्रदेश के 2 करोड़ 30 लाख लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन,…
वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गरीब कल्याण बीजेपी सरकार का प्रण है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंत्योदय के दर्शन और सुशासन के मंत्र से बीजेपी सरकार ने जनकल्याण और विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं.
गरीब कल्याण भाजपा सरकार का प्रण है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 15, 2024
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में अंत्योदय के दर्शन और सुशासन के मंत्र से अनुप्राणित भाजपा सरकार ने जनकल्याण तथा विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
पिछले 9 वर्षों में 25 करोड़ नागरिक गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं और…
2015-21 के दौरान गरीबी में तेज गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार, देश में गरीबी में गिरावट की गति 2005-06 से 2015-16 की अवधि (7.69 प्रतिशत सालाना) की तुलना में 2015-16 से 2019-21 के बीच बहुत तेज रही. 2019-21 के दौरान इसमें सालाना 10.66 प्रतिशत की गिरावट आई. इसके साथ ही गरीब राज्यों में गरीबी में गिरावट दर तेज रही.
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत 2030 से काफी पहले एसडीजी गोल 1.2 को हासिल कर सकता है. बता दें कि सतत विकास लक्ष्य 1.2 में बहुआयामी गरीबी को कम-से-कम आधा करने का टारगेट रखा गया है.
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