DRDO Successfully Tested Indigenous High-Speed Flying Wing UAV: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक बार फिर से कमाल करते हुए भारत को कुछ नामी देशों के स्पेशल क्लब में शामिल कर दिया है. डीआरडीओ (Defence Research and Development Organisation) ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग (Chitradurga) में शुक्रवार को स्वदेशी हाई-स्पीड फ्लाइंग विंग यूएवी (Indigenous high-speed flying wing UAV) का सफल परीक्षण (Successfully Tested) किया. जिसके बाद भारत भी उन देशों के क्लब में शामिल हो गया है. जिन्होंने फ्लाइंग विंग कॉन्फ़िगरेशन (Flying wing configuration) को कंट्रोल करने में महारत हासिल कर ली है.
ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर का किया प्रयोग
डीआरडीओ ने यह परीक्षण कर्नाटक (Karnataka) के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (Aeronautical Test Range ATR) से किया. इस परीक्षण में डीआरडीओ ने ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator) का प्रयोग कर सफलतापूर्वक उड़ान का परीक्षण किया है. जिसमें स्वदेशी हाई-स्पीड फ्लाइंग विंग यूएवी को सफलतापूर्वक उड़ाया गया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने एस परीक्षण का वीडियो शेयर किया है, जिसमें स्वदेशी हाई-स्पीड फ्लाइंग विंग यूएवी को फ्लाइंग विंग कॉन्फिगरेशन के माध्यम से उड़ाते हुए देखा जा रहा है.
#WATCH | DRDO has successfully demonstrated the flight trial of Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator, an indigenous high-speed flying wing UAV from the Aeronautical Test Range (ATR), Chitradurga in Karnataka. With this flight in the tailless configuration, India has… pic.twitter.com/TpnUb3ApXI
— ANI (@ANI) December 15, 2023
यूएवी की क्या है खासियत
डीआरडीओ द्वारा टेस्टेड इस स्वदेशी हाई-स्पीड फ्लाइंग विंग यूएवी, एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता को दिखाता है. इसकी खासियत है कि इसे हल्के कार्बन प्रीप्रेग से बनाया गया है. इसमें जोड़ा गया फाइबर इंटेरोगेटर्स इसकी हेल्थ मॉनिटरिंग में हेल्प करेंगे. इससे पहले डीआरडीओ ने सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल 'प्रलय' का सफल परीक्षण किया था.
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