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उड़ान मार्ग में बाधा बनने वाली इमारतों पर होगी कार्रवाई, विमान हादसे के बाद सरकार ने उठाया बड़ा कदम

मसौदा नियमों के तहत यदि कोई संरचना तय ऊंचाई से अधिक पाई जाती है तो संबंधित क्षेत्र के प्रभारी अधिकारी की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. 

उड़ान मार्ग में बाधा बनने वाली इमारतों पर होगी कार्रवाई, विमान हादसे के बाद सरकार ने उठाया बड़ा कदम

New Masauda Rules: एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. मंत्रालय ने विमान सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करने वाली भौतिक संरचनाओं पर नियंत्रण को कड़ा करने के लिए नए मसौदा नियम जारी किए हैं.

सरकार उठा रही है कड़े कदम 

12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद एयर इंडिया का विमान क्रैश हो गया था.अहमदाबाद एयरपोर्ट से विमान ने उड़ान भरी थी और कुछ दूरी पर जाकर विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराया और उसमें आग लग गई. इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई थी. घटना के बाद अब केंद्र सरकार कड़े कदम उठा रही है.

नए मसौदा नियमों का नाम ‘विमान (अवरोधों को गिराने के नियम)-2025' रखा गया है. ये नियम राजपत्र में प्रकाशित होते ही प्रभाव में आ जाएंगे. इनका उद्देश्य एयरपोर्ट के आसपास निर्धारित क्षेत्रों में ऊंचाई की सीमा से अधिक इमारतों और पेड़ों पर त्वरित कार्रवाई के लिए अधिकारियों को अधिकार देना है. इस पहल को विमान मार्गों में आने वाली रुकावटों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक सक्रिय कदम के रूप में देखा जा रहा है.

60 दिनों का मिलेगा समय 

मसौदा नियमों के तहत यदि कोई संरचना तय ऊंचाई से अधिक पाई जाती है तो संबंधित क्षेत्र के प्रभारी अधिकारी की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा. संपत्ति मालिक को 60 दिनों के भीतर साइट प्लान और ढांचे की माप समेत अन्य विवरण प्रस्तुत करने होंगे. यदि ऐसा नहीं किया गया तो अधिकारियों को ढांचे को गिराने या ऊंचाई कम करने की कार्रवाई का अधिकार होगा.

यदि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) या कोई अधिकृत अधिकारी किसी ढांचे को नियमों का उल्लंघन मानता है तो वो इसे हटाने या कम करने का आदेश जारी कर सकता है. मालिक को पालन करने के लिए 60 दिन का समय मिलेगा, जो उचित कारणों पर और 60 दिन तक बढ़ाया जा सकता है.

इसके अलावा अधिकारियों को दिन के समय स्थल का निरीक्षण करने की अनुमति होगी, बशर्ते वो संपत्ति मालिक को पहले से सूचित करें. अगर संपत्ति मालिक सहयोग नहीं करता तो अधिकारी उपलब्ध जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई कर सकते हैं और मामला डीजीसीए को भेज सकते हैं.

मसौदा नियमों के तहत यदि किसी ढांचे को हटाने या कम करने का आदेश दिया जाता है तो संपत्ति मालिक प्रथम या द्वितीय अपीलीय अधिकारी के समक्ष निर्धारित फॉर्म, आवश्यक दस्तावेज और एक हजार रुपये शुल्क के साथ अपील कर सकते हैं.

इसमें मुआवजे की शर्तें भी रखी गई हैं. सिर्फ वो मालिक जिन्हें आधिकारिक आदेशों के अनुसार ढांचे को गिराने या संशोधित करने के लिए कहा गया है और जिन्होंने आदेश का पालन किया है, उन्हें भारतीय वायुवहन अधिनियम-2024 की धारा 22 के तहत मुआवजा दिया जाएगा.अधिसूचना की तिथि के बाद नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए किसी भी ढांचे को मुआवजा नहीं मिलेगा.नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इन मसौदा नियमों पर प्रकाशन के 20 दिनों के अंदर जनता से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की हैं.

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