बारिश के मौसम में बीमारी का संक्रमण तेजी से फैलता है. उसमें भरी गर्मी की वजह से बीमारी से खुद को बचाने के लिये एहतियात बरतना बेहद जरूरी होता है. छ्त्तीसगढ़ में इन दिनों eye फ्लू का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. राजधानी समेत पूरे प्रदेश से eye flu के संक्रमण के मामले सामने आ रहे है. eye फ्लू ,जिसे आंख आना या कंजेक्टिवाइटिस भी कहते है। इससे कैसे बचा जा सकता है इस पर रायपुर के जाने माने eye स्पेशलिस्ट चारूदत्त बताते हैं कि कन्जक्टिवाइटिस को 'पिंक फ्लू' या 'आई फ्लू' भी कहा जाता है. यह संक्रमण आँखों की आगे के भाग में होता है। बरसात के मौसम में यह संक्रमण बड़ी तेजी से लोगों में फैलता है. इसमें आँखें लाल हो जाती है और आंख से चिपचिपा तरल पदार्थ का स्राव होने लगता है जिसकी वजह से कभी कभी दर्द व खुजली भी मरीजों को होती है. ये इनफेक्शन अमूमन बैक्टीरिया या वायरस की वजह से होता है. ज्यादातर केसों में ये उन्हीं वायरस द्वारा होते हैं जिनसे लोगों को खांसी या जुकाम होने का खतरा होता है.
अधिकतर केसों में यह इनफेक्शन गंभीर समस्या के रूप में नहीं होता है और खुद-ब-खुद एक सप्ताह में ठीक हो जाता है आँखों को बार बार धोने से बचना चाहिये क्योंकि आँसू में पाए जाने वाले प्रोटीन जो कि इन्फेक्शन से लड़ने में कारगर होते है खत्म हो सकते है.
कंजेक्टिवाइटिस के लक्षण
नेत्र विशेषज्ञ डॉ. चारुदत्त कलमकर बताते है की ये आमतौर से दोनों आँखों में होता है जबकि इसकी शुरुवात पहले एक आँख से होती है जो कि बाद में दूसरी आँख में भी फैल जाती है.
आंखों का कैसे करें उपचार
डॉ चारूदत्त बताते हैं जिसे भी समस्या हो वो अपनी आँखों को न तो धोए और न ही रगड़े. अगर आँखों में खुजली और जलन होती है तो टिशू की सहायता से पोछें और तुरन्त उस टिशू को फेंककर साबुन से हाथ साफ करें.
अपने आँखों के ड्राप, कान्टेक्ट लेन्स सॉल्यूशन किसी के साथ शेयर न करें नहीं तो दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमण हो सकता है।
संक्रमण से बचने के लिए बरतें ये सावधानी
डॉ. चारुदत्त कलमकर का कहना है कि कंजंक्टिवाइटिस को फैलने से रोकना सबसे ज्यादा जरूरी होता है. इसकी रोकथाम के लिए समय समय पर अपने हाथों की साबुन पानी से साफ करें.
डॉक्टर के पास कब जाएं ?
यदि आँखों में तेज दर्द, सूजन या जलन हो.
आंखों में रोशनी बर्दाश्त नहीं हो रही हो.
आँखों के पास की त्वचा में धब्बे दिखाई देने लगें.
आँखों से धुंधला दिख रहा हो. पलक झपकने पर परेशानी हो.
बाहर जाते समय धूप का चश्मा लगाए तैराकी से बचें.
इनमें से किसी भी लक्षण के होने पर आपको डॉक्टर की राय लेनी चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.