Rajesh Khanna Birthday : भारतीय सिनेमा जगत के पहले सुपरस्टार (Superstar) कहे जाने वाले 'काका' यानी राजेश खन्ना ' (Rajesh Khanna) की आज 81वीं जयंती है. पंजाब में जन्मे राजेश खन्ना ने 1965 में हिंदी सिनेमा (Hindi Cinema) में अपनी एक अलग ही छाप छोड़ी थी. जिसे आज भी मिटा पाना नामुमकिन है. राजेश खन्ना की फ़िल्में और उनके डायलॉग तो हमेशा से लोगों के बीच में याद किए जाते हैं. 'पुष्पा आई हेट टियर्स' से लेकर 'बाबू मोशाय, जिंदगी बड़ी होनी चाहिए' तक डायलॉग्स लोगों के जेहन में आज भी जिंदा है. आज सुपरस्टार राजेश खन्ना का जन्मदिन है और इस मौके पर उन्हें याद करते हुए हम उनके कुछ यादगार डायलॉग पर नजर डालते हैं.
1. आराधना
राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की रोमांस और ड्रामा फिल्म आराधना (Aaradhna) साल 1969 में सिनेमा घरों में आई थी, जिसने राजेश खन्ना की सफलता की नींव गढ़ी थी. इस मूवी के गाने से लेकर डायलॉग तक सभी लोगो को खूब पसंद आए थे इसका यह डायलॉग 'एक छोटा सा जख्म बहुत गहरा दाग बन सकता है और एक छोटी सी मुलाकात जीवन भर का साथ बन सकती है.' बेहद प्रसिद्ध हुआ था.
2. अवतार
अवतार (Avatar) एक फैमिली ड्रामा मूवी थी, जिसमे एक बूढ़े माता-पिता के अमीरी से गरीबी तक के सफर की स्टोरी दिखाई गई है. इसका यह डायलॉग 'सेठ जिसे तुम खरीदने चले हो उसके चेहरे पर लिखा है नॉट फॉर सेल' फेमस हुआ था.
3. बावर्ची
ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म बावर्ची (Bawarchi) 1972 में आई. इस फिल्म में राजेश खन्ना एक बावर्ची के किरदार में नज़र आये थे. जिसमें राजेश खन्ना अपने अनोखे किरदार से घर के सभी सदस्य को बदल देते हैं. इस फिल्म के डायलॉग 'जिसमे इंसान की भलाई हो, वो काम बुरा नहीं होता' ने भी दर्शकों को काफी प्रभावित किया था.
4. अमर प्रेम
साल 1972 में राजेश खन्ना की मूवी अमर प्रेम (Amar Prem) ने दर्शकों का दिल जीत लिया था. राजेश खन्ना इस फिल्म में एक बार फिर शर्मिला टैगोर के साथ नजर आए थे. इस मूवी का यह डायलॉग पुष्पा मुझसे यह आंसू नहीं देखे जाते आई हेट टीयर्स काफी फेमस है.
ये भी पढ़े : सिध्दांत चतुर्वेदी ने NDTV को बताया, अगर सोशल मीडिया नहीं होता तो वह क्या करते?
5. सफर
असित सेन के डायरेक्टर में बनी फिल्म सफर (Safar) साल 1970 में आई थी. स्थल में राजेश खन्ना एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे होते हैं और तब वह एक डायलॉग डॉक्टर से कहते हैं. ' मैं मरने से पहले मरना नहीं चाहता. '
6. रोटी
1974 में राजेश कुमार और मुमताज की फिल्म रोटी (Roti) आयी थी. फिल्म रोटी के जरिए दिखाया गया है कि कैसे गरीबों को एक रोटी के लिए जद्दोजेहद करनी पड़ती है. एक भूखा पेट कैसे गरीब आदमी को कमजोर बना देता है. इस फिल्म के डायलॉग भी यही बयां करता है. ' इंसान को दिल दे, दिमाग दे, जिस्म दे कमबख्त ये पेट न दे'.
7. आनंद
राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की फिल्म आनंद (Anand) में राजेश खन्ना के एक-एक डायलॉग ने लोगों को भावुक कर दिया था. जिंदगी कितनी अनमोल है और इसका हर पल कितना कीमती है, इस बारे में सोचने को मजबूर कर दिया था. इस फिल्म के फेमस डायलॉग गुलजार ने लिखे हैं और इसके लिए उन्हें बेस्ट डायलॉग का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था. 'अरे ओ बाबू मोशाय, हम तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं जिनकी डोर ऊपर वाले के हाथ में हैं, कब कौन कहां उठेगा यह कोई नहीं जानता. बाबू मोशाय जिंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं '.
ये भी पढ़े : 'Salaar', 'Animal' से 'Jawan' तक... इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर की सबसे ज्यादा कमाई