
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे वाले दिन भी नक्सली शांत नहीं बैठे. 4 अक्टूबर को जिस समय केंद्रीय गृह मंत्री शाह जगदलपुर व बस्तर जैसे इलाकों में कई कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे थे तब प्रदेश के बीजापुर जिले में माओवादी योजनाबद्ध तरीके से बंदेपारा गाँव के जंगल में अन्य नक्सलियों के साथ मिलकर बारूदी सुरंग (IED प्लांट) लगाने की कोशिश कर रहे थे. इसी दौरान एक विस्फोट हो गया, जिसमें एक महिला माओवादी गुज्जा सोढ़ी गंभीर रूप से घायल हो गई. पैर में गंभीर चोट आई है.

बस्तर दशहरा उत्सव समारोह में जनसभा में अमित शाह ने कहा कि जब तक नक्सली हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ेंगे तब तक उनसे कोई वार्ता नहीं होगी. मार्च 2026 तक भारत को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है. नक्सली अगर हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो जाए तो उनके गांव का भी विकास होगा.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस सूत्रों ने बताया कि बारूदी सुरंग में विस्फोट से घायल महिला नक्सली को उसके अन्य साथियों ने उसका हथियार लेकर जंगल में ही छोड़कर भाग गए. स्थानीय ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस पहुँच कर उसे प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल बीजापुर ले आई, जहाँ उसका इलाज जारी है.
बस्तर की जनता नक्सलवाद से गुमराह बच्चों को हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने और बस्तर के विकास में सहभागी बनने के लिए समझाएँ। pic.twitter.com/w0usuzDoq9
— Amit Shah (@AmitShah) October 4, 2025
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस घटना ने माओवादी संगठन की अंदरूनी दरारों को उजागर कर दिया है. संगठन अपने घायल या बीमार साथियों की देखरेख करने में विफल दिख रहा है और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया जाता है.
अधिकारी यह भी आरोप लगाते हैं कि संगठन में तमाम अनुशासनहीनता और मानवता की कमी है. इस परिप्रेक्ष्य में, पुलिस ने फिर से लोगों से अपील की है कि वे हिंसात्मक मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में लौटें, क्योंकि सुरक्षा बल हर संभव सहायता के लिए तैयार हैं.
103 नक्सलियों का सामूहिक आत्मसमर्पण
गौरतलब है कि पिछले गांधी जयंती 2025 के अवसर पर, बीजापुर जिले में 103 नक्सलियों ने सामूहिक आत्मसमर्पण किया. यह अब तक का सबसे बड़ा सरेंडर माना जा रहा है. उनमें से 49 नक्सलियों पर कुल 1 करोड़ 6 लाख 30 हज़ार रुपये का इनाम घोषित था. आत्मसमर्पण करने वालों में कई उच्च पदस्थ कमांडर और स्ट्रक्चरल सदस्य शामिल थे.
जैसे कि डिवीजनल कम्युनिकेशन कमांडर, एरिया कमेटी सदस्य, मिलिशिया कमांडर, जनताना सरकार (स्थानीय नक्सली प्रशासन तंत्र) के सदस्य इत्यादि. साथ ही, आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के अंतर्गत उन्हें आवास, जमीन, रोजगार और सामाजिक समायोजन की योजनाएँ भी दी जाएँगी. बीजापुर जिले में 2025 की शुरुआत से अब तक 410 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 421 को गिरफ्तार किया गया है और 137 माओवादी मारे गए हैं.
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