Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि पिछले साल नवंबर में नई औद्योगिक नीति की शुरुआत के बाद राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में 4.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव आकर्षित किए हैं और इनका लाभ दो साल में दिखाई देगा.
भ्रष्टाचार पर लगाई है लगाम
साय ने रविवार को दिए गए एक इंटरव्यू में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार पर लगाम लगा दी है जिससे राज्य का राजस्व संग्रह बढ़ा है. साय ने कहा कि हमारी नई औद्योगिक नीति को पेश हुए छह महीने से ज्यादा नहीं हुए हैं और इतने कम समय में हमें 4.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले हैं.
उन्होंने कहा कि इस अवधि में राज्य सरकार ने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और रायपुर में ‘इन्वेस्टर-कनेक्ट' कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें सैकड़ों उद्यमियों ने भाग लिया और उनमें से कई ने राज्य में निवेश करने का प्रस्ताव किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर काम भी शुरू हो गया है. राज्य की पहली सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई और देश का पहला कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित डेटा सेंटर पार्क यहां नवा रायपुर अटल नगर में बनेगा और इनका शिलान्यास हो चुका है. उन्होंने कहा कि निवेश को आकार लेने में समय लगेगा. साय ने कहा कि हमें लगता है कि राज्य को इन निवेश से डेढ़ से दो साल बाद फायदा होगा.
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IT हब के रूप में होगा विकसित
छत्तीसगढ़ की आगामी राजधानी नवा रायपुर के विकास की गति के बारे में पूछे जाने पर साय ने कहा कि हां यह थोड़ा धीमी रफ्तार से विकसित हो रही है, लेकिन हमें लगता है कि आने वाले समय में यह एक आईटी हब के रूप में विकसित होगी और वहां कई अन्य चीजें आ रही हैं. उन्होंने कहा कि हमने खनन क्षेत्र में गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है जिससे राज्य का राजस्व संग्रह 13,000-14,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. कांग्रेस शासन के दौरान आबकारी राजस्व संग्रह 5,000 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 10,000-11,000 करोड़ रुपये हो गया है. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में छत्तीसगढ़ शीर्ष स्थान पर है.
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने पारदर्शी तरीके से लोक कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए सुशासन और अभिसरण विभाग की स्थापना की है. साय ने कहा कि विभाग का उद्देश्य सरकारी विभागों में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना है.
अपनी सरकार की उपलब्धियों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मोदी की गारंटी' (2023 के चुनावी वादे) के तहत ज्यादातर वादे सिर्फ 16 महीने में पूरे कर लिए गए हैं, जिसमें किसानों से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर धान की खरीद, दो साल से लंबित धान बोनस का भुगतान, महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना (वित्तीय सहायता योजना), बुजुर्गों के लिए रामलला दर्शन योजना और 5.62 लाख भूमिहीन कृषि मजदूरों को 10 हजार रुपये की वार्षिक सहायता शामिल है. सरकार गठन के अगले ही दिन राज्य में 18 लाख परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत किए गए. नक्सल हिंसा के पीड़ितों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को भी आवास योजना के तहत शामिल किया गया है.
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