
Share Trading Ban for Government Employees in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) ने शेयर ट्रेडिंग (Share Trading) को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर नियम स्पष्ट कर दिए हैं. GAD की ओर से जारी गजट नोटिफिकेशन में इंट्राडे, फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को मिसकंडक्ट मानते हुए सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है.
कर्मचारियों ने स्वतंत्र निवेश के अधिकार का हनन बताया
दरअसल, छत्तीसगढ़ की विष्णु देव सहायक सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारी अधिकारी के लिए शेयर ट्रेडिंग के नियम तय कर दिए हैं. सरकार ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 की धारा 19 में संशोधन करते हुए उप-नियम (5) के खंड (1) में बदलाव कर इंट्राडे ट्रेडिंग, क्रिप्टो करेंसी, फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O), और BTST (Buy Today, Sell Tomorrow) में निवेश को कदाचार की श्रेणी में डाल दिया है. जबकि शेयर सिक्योरिटी फण्ड डिबेंचर और म्यूचल फण्ड में निवेश की अनुमति पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. सरकार के इस फैसले को मंत्रालयीन कर्मचारी व अधिकारी संगठनों ने कैमरे के सामने भी समर्थन किया है. हालांकि, दबी जुबान कुछ अधिकारी व कर्मचारी उनके स्वतंत्र निवेश व ट्रेड के अधिकारों का उल्लंघन मान रहे हैं.
नियम हुआ स्पष्ट
मंत्रालयीन अधिकारी संघ के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह ने कहा कि 30 जून को सरकार ने एक सूचना जारी की. उसमें सिविल सेवा के नियम 19 एक में संशोधन लिया गया है. इसके तहत उसमें शेयर सिक्योरिटी और म्यूचुअल फंड में निवेश को स्पष्ट किया गया है. इसके पहले नियम स्पष्ट नहीं था. अब सरकारी कर्मचारी भी अपने विवेक और अपने संसाधनों के हिसाब से उसमें आप निवेश कर सकते हैं. इससे पहले आचरण नियमों में ऐसा कुछ उल्लेख नहीं था, जिससे परेशानी आ रही थी. आचरण नियमों के तहत उनके लिए नोटिस देने की स्थिति बन रही थी. ऐसे में सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है. एक सुरक्षित निवेश के लिए हर कर्मचारी को मौका दिया गया है. इसके साथ ही सरकार ने इसमें जो फ्यूचर और ऑप्शन, इंट्रा-डे जैसे ट्रेड को प्रतिबंधित की है, तो निश्चित तौर पर यह भी हमारे अपने परिवार के लिए जोखिम भरा निवेश था, जोखिम से बचने के लिए सरकार ने इसे प्रतिबंधित की श्रेणी में रखा है. लिहाजा, इसका हम स्वागत करते हैं.
भाजपा ने फैसले को सराहा
बीजेपी प्रवक्ता अमित चिमनानी सरकार ने शेयर सिक्योरिटी व डिबेंचर में निवेश की अनुमति दी है, जिसमें दिनभर खरीदी विक्री होती है, सिर्फ इसमें रोक लगाई गई है, क्यूंकि कार्यालयीन समय में ख़रीदी बिक्री से कार्य प्रभावित न हो. सत्ता पक्ष फैसले को कर्मचारी और प्रदेश हित में बता रहा है, लेकिन विपक्ष को ये फैसला सरकारी कर्मचारियों पर दबाव बनाने वाला लगता है.
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वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अजय गंगवानी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि साय सरकार में जो निर्णय लिए जा रहे हैं, वो कर्मचारी विरोधी है. लिहाजा, कर्मचारी व अधिकारी को व्यक्तिगत स्वतंत्रता मिलनी चाहिए कि वे अपने हिसाब से अपनी सैलरी का पैसा कहीं भी निवेश कर सकें. सरकार के फैसले से कर्मचारी संघ तो खुश है, लेकिन विपक्ष हमलावर है. यावी विपक्ष अपना विरोध करने का जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा है.
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