Chhattisgarh CM: छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय (Vishnu deo Sai) मुख्यमंत्री होंगे. रविवार (10 दिसंबर) को केंद्रीय पर्यवेक्षकों की अध्यक्षता में नवनिर्वाचित विधायक दल की बैठक में फैसला लिया गया. विष्णु देव साय एक आदिवासी नेता है. जो पहले भी कई बड़े पदों पर काम कर चुके हैं. उनका राजनीतिक सफर काफी लंबा है. विष्णु देव साय ने पंच से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था. इसके बाद वह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से लेकर लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री के पद पर रह चुके हैं. अब उन्हें छत्तीसगढ़ के सीएम बनने का मौका मिला है. जिसके लिए वह खुश है और वह शपथ लेने से पहले ही अपना प्लान तैयार कर लिया है.
विष्णु देव साय के सीएम चुने जाने पर उनसे पूछा गया कि, वह पहला काम कौन सा करेंगे तो उन्होंने बताया कि, हमारी पहली प्राथमिकता होगी कि, हमलोगों ने जो चुनावी घोषणापत्र जारी किया था 'मोदी की गारंटी' उसे पूरा करने के लिए काम शुरू किया जाएगा.
18 लाख लोगों और किसानों को तोहफा
विष्णु देव साय ने बताया कि, वह सबसे पहले काम के तौर पर छत्तीसगढ़ में (प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत) 18 लाख आवास को मंजूरी देना नयी सरकार का पहला काम होगा. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में, मैं सरकार के माध्यम से (प्रधानमंत्री) मोदी की गारंटी (भाजपा के चुनाव पूर्व वादे) को पूरा करने का प्रयास करूंगा.
उन्होंने ये भी कहा कि, 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर किसानों को तोहफा दिया जाएगा. उन्हें जो पिछले दो सालों से धान की बिक्री का तोहफा नहीं मिला है और हमारी पिछली 15 साल की सरकार में नहीं हो सका था. उसे मैं सबसे पहले पूरा करूंगा और 2 साल का बोनस किसानों को दिया जाएगा.
#WATCH | On becoming the new Chief Minister of Chhattisgarh, Vishnu Deo Sai says, "...As a CM my priority will be to fulfil the promises made to the people. Every section of society was suffering during the five years of Congress rule. Around 18 lakh people have been deprived of… pic.twitter.com/V7snUwrN1E
— ANI (@ANI) December 10, 2023
उन्होंने कहा, मुझ पर भरोसा करने के लिए पार्टी और नवनिर्वाचित सदस्यों का मैं आभारी हूं. मैं पूरी ईमानदारी के साथ सभी के भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा.
बता दें, 10 दिसंबर को बीजेपी के 56 नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक केंद्रीय पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सर्बानंद सोनोवाल और पार्टी महासचिव दुष्यन्त कुमार गौतम के साथ हुई. रायशुमारी के बाद विष्णु देव साय के नाम पर मुहर लग गई. हालांकि, सीएम के दौर में कई अन्य आदिवासी नेता के नाम भी थे. लेकिन आखिरकार विष्णु देव साय के नाम पर मंजूरी हुई. आपको बता दें, छत्तीसगढ़ में दूसरी बार कोई आदिवासी मुख्यमंत्री चुना गया है. इससे पहले अजीत जोगी कांग्रेस की सरकार में पहले मुख्यमंत्री और पहले आदिवासी समुदाय से मुख्यमंत्री थे.
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