बस्तर में बैठक कर बनाई Bastar के विकास की रणनीति, CM साय ने 5 घंटे तक ली अफसरों की मैराथन मीटिंग

Viksit Bastar Ki Or: बस्तर के विकास की रणनीति इस बार राजधानी में बैठकर नहीं बल्कि बस्तर में ही बैठकर बन रही है. सीएम विष्णु देव साय दो दिनों के बस्तर दौरे पर हैं. यहां उन्होंने 5 घंटे तक अफसरों की मैराथन बैठक ली.आइए जानते हैं इस बैठक में क्या खास रहा? 

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CM Sai Meeting In Bastar: बस्तर में विकास की बयांर लाना सरकार की पहली प्राथमिकता है. इसी उद्देश्य से बस्तर के विकास की रणनीति अब बस्तर में ही बन रही है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने  मंगलवार को  "विकसित बस्तर की ओर" विषय पर 5 घंटे तक अफसरों की बैठक ली. जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई. 

बैठक में ये खास रहा 

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंगलवार को  "विकसित बस्तर की ओर" विषय पर 5 घंटे की विस्तृत बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में पशुपालन, मछली पालन, उद्योग, पर्यटन, कौशल विकास और मिलेट्स की खेती जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा हुई, जिसमें सभी संबंधित विशेषज्ञों ने भाग लिया. बस्तर के समग्र विकास के लिए कई सकारात्मक पहल और योजनाओं की रूपरेखा तैयार की गई.

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बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि बस्तर का विकास उनकी प्राथमिकता है, और इन पहलों से क्षेत्र में समृद्धि और शांति लाई जाएगी. स्थानीय लोगों, विशेषकर युवाओं और जनजातीय समुदायों को इन योजनाओं का लाभ मिलेगा, जो बस्तर को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.

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कृषि और पशुपालन में नए अवसर

बैठक में दंतेवाड़ा में मिलेट्स, पाम ऑयल, मछली पालन और शूकर पालन जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया। इन क्षेत्रों को जनजातीय समुदाय की रुचि के अनुरूप विकसित करने की योजना बनाई गई। विशेष रूप से मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए 102 करोड़ रुपये का एक बड़ा परियोजना प्रस्तावित किया गया है. स्थानीय युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए 1 रुपये प्रति एकड़ की दर से जमीन उपलब्ध कराने का प्रावधान भी किया गया है, जिससे वे इन क्षेत्रों में आगे बढ़ सकें.

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पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

बस्तर के प्राकृतिक सौंदर्य, जलप्रपातों और गुफाओं को पर्यटन विकास का आधार बनाया जाएगा. सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर उद्यमियों को इस क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है. इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे.

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नक्सल उन्मूलन और विकास की गति

नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में सरकार मजबूती से काम कर रही है. लगातार सुरक्षा कैंप खोले जा रहे हैं, जिससे गांवों में विकास कार्य, चुनाव,स्कूल और मेलों का आयोजन सुचारु रूप से हो रहा है. अब तक 222 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है,जिन्हें प्रशिक्षण दिया गया, जबकि 62 अन्य लोगों को वर्तमान में ट्रेनिंग दी जा रही है. यह कदम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास की नई सुबह लाने की दिशा में महत्वपूर्ण है.

नई उद्योग नीति के तहत सब्सिडी की सुविधा शुरू की गई है, जो स्थानीय उद्यमियों और निवेशकों के लिए लाभकारी होगी. इसके अलावा नील नर्मदा योजना भी प्रभावी ढंग से चल रही है, जो बस्तर के विकास में योगदान दे रही है.

इंद्रावती नदी का समाधान

इंद्रावती नदी की समस्या को जल्द हल करने के लिए सभी पक्षों के साथ मिलकर चर्चा की जाएगी. वर्तमान में नदी में पानी की मात्रा बढ़ रही है, और इस मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. इससे किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है, जिनकी फसलें नदी की स्थिति से प्रभावित हुई थीं.

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