सूरजपुर के भैयाथान ब्लॉक में एक शासकीय भूमि पर अतिक्रमण राजस्व विभाग के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है. बताया जा रहा है कि राजस्व विभाग ने 7 बार इस अतिक्रमण को हटाया लेकिन अतिक्रमण करने वालों की हिम्मत तो देखिए हर बार नए सिरे से अतिक्रमण कर दिया. स्थिति अभी भी जस की तस है.
अतिक्रमण ने बाधित किया रास्ता
इस अतिक्रमण से एक परिवार के आने-जाने का रास्ता बाधित हो गया जिसे लेकर आए दिन विवाद होने लगा. जिसके बाद पीड़ित परिवार ने इसके खिलाफ शिकायत कर दी. दरअसल भैयाथान ब्लॉक के हर्रापारा में एक परिवार की कॄषि भूमि के सामने शासकीय भूमि खाली पड़ी थी जिस पर पीड़ित के ही रिश्तेदार ने मकान बनाकर अवैध अतिक्रमण कर लिया और जब पीड़ित ने विरोध किया तो कुछ लोगों ने इसके साथ मारपीट कर दी.
सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. बताया जा रहा है कि पीड़ित के गुहार पर भैयाथान तहसीलदार ने सात बार अतिक्रमण हटाने का आदेश भी जारी किया लेकिन अतिक्रमण हटाने गए अमले को बैरंग ही लौटना पड़ा ऐसे में राजस्व विभाग की कार्रवाई और मंशा पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं, वहीं प्रशासन से ठीक प्रकार से मदद ना मिलने से पीड़ित बेहद परेशान है.
प्रशासन की मंशा पर उठ रहे हैं सवाल?
बताया जा रहा है कि यहां के एसडीएम ने बारिश के मौसम में अतिक्रमण नहीं हटाने का प्रावधान बताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया लेकिन फिर एक बात सामने आती है कि बारिश अभी तो शुरू नहीं हुई है, अतिक्रमण हटाने के आदेश भी बारिश के दौरान हुए हैं. तो आखिर ऐसे आदेश ही क्यों दिए गए? ये सवाल सबकी जुबान पर है.
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मकान मालिक को आने-जाने में हो रही है दुविधा
अतिक्रमण के कारण मालिक अपनी खुद की जमीन पर ही नहीं जा पा रहा है. वहीं एसडीएम सागर सिंह का कहना है कि बारिश की वजह से अतिक्रमण नही हटाया जा रहा है. वहीं तहसील कार्यालय हर बार इसका आदेश दिए जा रहा है, ऐसे में एसडीएम कार्यालय और तहसील कार्यालय के बीच सामंजस्य की कमी साफ दिखाई पड़ती है.
पीड़ित ने रसूखदारों के दबाव का लगाया आरोप
पीड़ित लगभग एक साल से सरकारी विभागों के चक्कर काट रहा है. उधर राजस्व विभाग है कि खुद किरकिरी करा रहा है सात बार आदेश होने के बाद भी राजस्व विभाग के अधिकारी बिना अतिक्रमण हटाए वापस आ जाते हैं. इस मामले में पीड़ित का कहना है रसूखदारों की वजह से यह नौबत आ रही है, अधिकारी रसूखदारों के दबाव में हैं इस वजह से उसे इंसाफ नहीं मिल पा रहा है.