
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में शिक्षा का अधिकार RTE जैसी महत्वपूर्ण योजना के नाम पर करोड़ों रुपये के गबन और भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. शहर कांग्रेस अध्यक्ष संजय डोसी ने इस पूरे प्रकरण को "शिक्षा की जगह भ्रष्टाचार की पाठशाला" बताते हुए कलेक्टर एस. जयवर्धन को ज्ञापन सौंपकर पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.
ये आरोप लगे
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि जिले में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से कई ऐसे स्कूलों को आरटीई का लाभ दिलाया जा रहा है, जो केवल कागजों पर मौजूद हैं. इन फर्जी स्कूलों के नाम पर शासन से हर साल बच्चों की फीस के नाम पर मोटी रकम ली जा रही है. जबकि असल में न तो बच्चे होते हैं और न ही कोई पढ़ाई.
55 स्कूल सिर्फ दस्तावेजों में
सूचना के अधिकार RTE के तहत प्राप्त जानकारी और उसके आधार पर किए गए भौतिक सत्यापन में सामने आया कि जिले में करीब 55 स्कूल केवल दस्तावेजों में ही चल रहे हैं.कुछ स्थानों पर एक ही परिसर में दो-दो स्कूल अलग-अलग नाम से संचालित दिखाए गए हैं. वहीं, कई स्कूलों में शिक्षा का माध्यम और बोर्ड तक बदला जा रहा है ताकि फर्जीवाड़े को ढंका जा सके.
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि वर्ष 2023-24 में 12,485 बच्चों को RTE का लाभार्थी बताया गया, जिनमें से बड़ी संख्या में बच्चों के नाम फर्जी या संदिग्ध पाए गए हैं.इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने बड़े पैमाने पर शासन को आर्थिक चूना लगाया गया है.
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने सात दिन के भीतर जांच शुरू कर दोषियों पर एफआईआर की मांग की है. अध्यक्ष संजय डोसी ने चेतावनी दी है कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस आंदोलन के लिए बाध्य होगी.वहीं कलेक्टर एस जयवर्द्धन ने मामले में टीम बनाकर जांच करने का आश्वासन दिया है.
ये भी पढ़ें Bus Accident: दल्लीराजहरा में यात्रियों से भरी पायल ट्रेवल की बस पलटी, 20 यात्री घायल