
Security Forces New Camp In Naxalites Area Sukma: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सबसे नक्सल प्रभावित जिलों में शुमार सुकमा में सुरक्षा बलों ने एक और बड़ी रणनीतिक सफलता हासिल की है. कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और लगातार हो रही बारिश के बीच जिला पुलिस प्रशासन ने ग्राम तुमालभट्टी में नया सुरक्षा कैंप स्थापित कर दिया है.
इस कैंप की स्थापना सिर्फ सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ही नहीं, बल्कि ग्रामीणों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से भी की गई है.
छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी “नियद नेल्ला नार” योजना के तहत तुमालभट्टी सुरक्षा कैंप की स्थापना की गई है. इस योजना का मकसद नक्सल प्रभावित इलाकों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना और ग्रामीणों को रोजमर्रा की जरूरतों से जोड़ना है. अब क्षेत्र के लोग सड़क, पुल-पुलिया, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और मोबाइल नेटवर्क जैसी मूलभूत सुविधाओं से लाभान्वित हो सकेंगे.
नया कैंप सुकमा को कोंटा से किस्टाराम तक सीधे जोड़ने की दिशा में भी अहम कड़ी साबित होगा. अब इस मार्ग पर दूरी आधी हो जाएगी और ग्रामीणों को आने-जाने में बड़ी राहत मिलेगी. सुरक्षा बलों का मानना है कि इससे न केवल माओवादियों की गतिविधियों पर अंकुश लगेगा बल्कि ग्रामीणों की रोजमर्रा की दिक्कतें भी दूर होंगी.
तुमालभट्टी व आसपास के गांवों के ग्रामीण इस कदम से बेहद उत्साहित हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अब उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, पीडीएस दुकानों से सस्ता राशन, बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है.
2024 से अब तक 14 नए कैंप
सिर्फ दो सालों में सुकमा जिले में कुल 14 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं. इनमें टेकलगुड़ेम, पुवर्ती, मुकराजकोण्डा, दुलेड़, पुलनपाड़, लखापाल, तुमालपाड़, रायगुड़ेम, गोलाकोण्डा, गोमगुड़ा, मेटागुड़ेम, उसकावाया, नुलकातोंग और अब तुमालभट्टी शामिल हैं. इन कैंपों के जरिए सुरक्षा बलों ने 518 नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने में सफलता पाई है. वहीं, अभियान के दौरान 63 माओवादी मारे गए और 447 गिरफ्तार किए गए. यह आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि सुरक्षा रणनीति किस तरह नक्सल उन्मूलन को गति दे रही है.
आईजी से लेकर जवानों तक, सबकी मेहनत
तुमालभट्टी कैंप की स्थापना में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की कई यूनिट्स का योगदान रहा. बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी., दंतेवाड़ा रेंज डीआईजी कमलोचन कश्यप, सीआरपीएफ कोन्टा रेंज डीआईजी (परि.) राजेश पांडेय, सुकमा एसपी किरण चव्हाण, 217वीं बटालियन कमांडेंट विजय शंकर, 212वीं बटालियन कमांडेंट दीपक कुमार श्रीवास्तव, 207 कोबरा कमांडेंट दीपक कुमार और एएसपी (नक्सल ऑप्स) रोहित शाह की देखरेख और मार्गदर्शन में यह कैंप तैयार हुआ.
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