Sewerage Treatment Plant: करोड़ों की लागत, मेंटेनेंस में लाखों रुपए खर्च, फिर भी साफ नहीं हो रहा पानी

SECL Sewerage Treatment Plant: स्थानीय निवासी बद्री प्रसाद ने कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अनुपयोगी साबित हो रहा है, कॉलोनी से निकलने वाला पानी नाले में नहीं जा रहा है एक तरह से प्लांट बनने का कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा है.

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Chhattisgarh News: कोरिया जिले के एसईसीएल (SECL) बैकुंठपुर क्षेत्र में कर्मचारी आवासों से निकलने वाले गंदे पानी के ट्रीटमेंट (Water Treatment Plant) के लिए 13 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से चरचा, पाण्डवपारा झिलमिली व कटकोना में 3 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (Sewerage Treatment Plant) यानी एसटीपी (STP) का निर्माण शुरू किया गया था. लेकिन ढाई साल बाद भी प्लांट अधूरे पड़े हैं. एसटीपी में कॉलोनियों का गंदा पानी नहीं आ रहा है. इससे पर्यावरण शर्तों के तहत किए गए निर्माण का फायदा नहीं मिल रहा है. दूसरी ओर एसटीपी के मेंटेनेंस पर हर महीने लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं.

SECL Sewerage Treatment Plant: चैंबर की स्थिति

क्या थी प्लानिंग?

एसईसीएल काॅलोनियों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी और उसके ट्रीटमेंट के लिए तैयार किए गए सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से प्रतिदिन 27 लाख 50 हजार लीटर गंदे पानी को साफ कर दैनिक उपयोग के लिए सप्लाई करने की योजना बनाए गई थी. इसमें कटकोना में 3.16 करोड़ की लागत से 5 लाख लीटर, झिलमिली में 3.53 करोड़ की लागत से 7 लाख लीटर और शिवपुर चरचा में 6.41 करोड़ की लागत से 15 लाख लीटर क्षमता वाले तीन प्लांट को एसईसीएल मुख्यालय से मंजूरी मिलने के बाद तैयार किया गया था.

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लेकिन इस समय हालात ऐसे हैं कि कॉलोनी में जगह-जगह सेप्टिक टैंक खुले पड़े हैं. जिसमें गिरकर किसी मवेशी या बच्चे के साथ हादसा हो सकता है. इसके बावजूद नियमों की अनदेखी की जा रही है.

प्लांट निर्माण को लेकर अफसरों ने यह दावा किया था कि गंदे पानी को साफ कर यानी रिसाइकिल कर उसका उपयोग पार्कों में पेड़ पौधों की सिंचाई कर हरियाली बढ़ाने या कोयलेे पर छिड़काव के लिए किया जा सकता है, लेकिन एसटीपी को कुछ कॉलोनियों से कनेक्ट कर ट्रीटमेंट पानी को वापस नाले में बहाया जा रहा है. चरचा में दो से तीन मोहल्ले का पानी ही एसटीपी तक पहुंच रहा है. यही हाल पाण्डवपारा और झिलमिली का है.

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SECL Sewerage Treatment Plant: चैंबर की स्थिति

पाण्डवपारा में पहले कॉलोनियों का गंदा पानी नाले में बहकर गोबरी जलाशय में मिल रहा था. जिस पर पर्यावरण शर्तों के अधीन एसईसीएल ने एसटीपी का निर्माण करवाया और दावा किया गया कि अब बांध का पानी दूषित नहीं होगा. साथ ही एसटीपी से निकलने वाले पानी का उपयोग कोयले पर छिड़काव व पार्कों में हरियाली बढ़ाने के लिए किया जाएगा, लेकिन पानी साफ कर नाले में छोड़ रहे हैं.

प्लांट से नाली के गंदे पानी को ट्रीटमेंट करने में 180 मिनट का समय लगता है. प्लांट से तीन चरण में शुद्धिकरण के बाद पानी नालों में छोड़ा जा रहा है. इससे गंदा पानी बैक्टीरिया मुक्त हो सके. पानी नालों में बहाने के बाद बचे अपशिष्ट द्रव कीचड़ को पाइप लाइन के माध्यम से अपकेंद्रित मशीन में लाकर इसे ठोस कर गार्डनिंग व अन्य कार्यों में उपयोग किया जाएगा.

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स्थानीय निवासी बद्री प्रसाद ने कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अनुपयोगी साबित हो रहा है, कॉलोनी से निकलने वाला पानी नाले में नहीं जा रहा है एक तरह से प्लांट बनने का कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा है.

अभी कितना काम हो रहा है?

पाण्डवपारा प्लांट से वर्तमान में 200 माइंस, तुलसी कॉलोनी सहित अन्य कॉलोनियों के गंदे पानी का ट्रीटमेंट हो रहा है. 56 माइंस में सिविल वर्क बाकी है. मामले में एसईसीएल कटकोना कॉलरी के सब एरिया मैनेजर आरके मंडल का कहना है कि एसटीपी अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ है, अभी भी कुछ निर्माण कार्य बाकी है, इसे कराया जा रहा है. ठेकेदार का भुगतान भी अटका है, पूरा होने के बाद भुगतान होगा.

एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी सनीश चंद्र ने कहा कि हम तमाम क्लीरेंस के बाद ही किसी भी निर्माण में जाते हैं. कुछ जगह कोल बियरिंग एक्ट के तहत हमारी जमीन पर कंपनी कार्य करने के लिए स्वतंत्र है. मुझे एरिया प्रबंधन द्वारा बताया गया है कि कार्य सभी नियम शर्तों को पूरा करते हुए विधिक तरीके से हुआ है. एसटीपी का कार्य पूरा हो चुका है जिसे उपयोग में भी लाया जा रहा है.

SECL Sewerage Treatment Plant: नाले में लगाई गई पाइप की स्थिति

कलेक्टर-CMO का क्या कहना है?

कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने कहा कि मामला हमारे संज्ञान में आया था, हमनें अपनी टीम भेजकर जांच कराई थी, मालूम चला है कि वह पूरा फंक्शन नहीं हो पाया है. एसईसीएल ने निर्माण को लेकर चरचा नगर पालिका से एनओसी ली है या नहीं उसे चेक करेंगे और कार्रवाई करेंगे.

एसटीपी प्लांट के सुपरवाइजर संदीप ने कहा कि हमारे एग्रीमेंट में लिखा था लेंथ बिछाना है, हाउस कनेक्शन नहीं हो सका. ओपनिंग करना है बोलकर इसे शुरू कर दिया गया है, क्वार्टरों के किनारे पाइप बिछ गए हैं लेकिन हाउस कनेक्शन नहीं हो सका, सेप्टिक टैंक से सीवेज लेना है लेकिन यह पूरा नहीं हो सका है.

नगर पालिका चरचा सीएमओ रत्नेश ने कहा कि नगर पालिका शिवपुर चरचा क्षेत्र में एसईसीएल ने एसटीपी का निर्माण किया है लेकिन इसके लिए अनापत्ति पत्र नहीं लिया गया है, एसईसीएल को नोटिस जारी करेंगे.

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