Drunken Teacher news: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के चांदनी बिहार पुर इलाके में स्थित करोटी (ए) शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय इन दिनों एक विवाद के कारण लगातार चर्चा में बना हुआ है. दरअसल, स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है.
वीडियो में कथित तौर पर विद्यालय के शिक्षक संजय सिंह शराब के नशे में स्कूल टाइम पर पढ़ाई छोड़ कर शराब पीते दिखाई देते हैं. यह घटना सामने आने के बाद अभिभावकों और ग्रामीणों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है.
लोगों ने शराब पीते बना लिया वीडियो
ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है, जब शिक्षक पर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं. उनके अनुसार संजय सिंह कई अवसरों पर शराब के नशे में स्कूल आते हैं और हाजिरी लगाने के बाद बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने की बजाय दूसरे कामों में उलझे रहते हैं. स्थानीय युवाओं ने कथित रूप से उन्हें स्कूल से 100 मीटर की दूरी पर ग्रामीण लाल बहादुर के घर शराब पीते हुए पकड़ा और पूरा दृश्य मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया. वीडियो में वे संतुलन बनाए रखने की कोशिश करते दिखाई देते हैं और पूछताछ पर बार-बार सफाई देने की कोशिश करते हुए दिखते हैं.
लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो किया वायरल
स्थिति बिगड़ते देख ग्रामीणों ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर दिया, जिसके बाद पूरा मामला और गंभीर हो गया. गांव के सरपंच गजमोचन सिंह ने भी बताया कि शिक्षक के व्यवहार को लेकर पहले भी कई बार पंचायत स्तर पर शिकायत भेजी गई थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. उनका कहना है कि लगातार अनदेखी के कारण शिक्षक का मनोबल और बढ़ता गया, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर सीधा असर पड़ रहा है.
अभिभावकों की बढ़ी चिंता
अभिभावकों का यह भी कहना है कि जब शिक्षक ही अनुशासनहीनता का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे, तो बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता होना स्वाभाविक है. ग्रामीण चाहते हैं कि शिक्षा विभाग इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच करें और यदि आरोप सही पाए जाएं, तो उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. उनका मानना है कि बार-बार शिकायतों को अनसुना करने से ऐसे मामलों में लापरवाही बढ़ सकती है और विद्यालय का वातावरण प्रभावित होगा.
फिलहाल, ग्रामीण प्रशासन की शिक्षा विभाग के प्रतिक्रिया का इंतज़ार कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस बार यदि मामले को दबाया गया, तो आने वाले समय में ऐसे प्रकरण और बढ़ सकते हैं. इसलिए सभी की मांग यही है कि शिक्षा के माहौल को सुरक्षित और सम्मानजनक बनाए रखने के सख्त कदम उठाए जाएं.