
Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में एक अहम फैसला सुनाया. इस फैसले पर सभी लोगों का ध्यान गया है. कोर्ट ने पॉक्सो और एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) के तहत दर्ज एक मामले से एक आरोपी युवक को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि "आई लव यू (I Love You)" कहना यौन उत्पीड़न नहीं है, जब तक कि यह साबित न हो जाए कि उसका इन शब्दों के पीछे यौन इरादा था.
युवक पर आरोप था कि वह 15 वर्षीय छात्रा का पीछा करता है और "आई लव यू" कहा. इस पर हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि सिर्फ "आई लव यू" कहना यौन उत्पीड़न की श्रेणी में नहीं आता, जब तक यौन मंशा का स्पष्ट प्रमाण न हो.
कोर्ट ने पाया कि अभियोजन पीड़िता की उम्र और आरोपित की मंशा साबित नहीं कर सका. साथ ही, एससी/एसटी एक्ट के तहत भी यह सिद्ध नहीं हो सका कि आरोपी जाति की जानकारी रखता था. सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए हाईकोर्ट ने राज्य की अपील खारिज कर ट्रायल कोर्ट का फैसला बरकरार रखा.
क्या है मामला
यह मामला अक्तूबर 2019 का है. एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की छुट्टी के बाद स्कूल से लौट रही थी, इस दौरान एक युवक ने उसे देखकर आई लव यू कहकर प्रपोज किया. छात्रा ने आरोप लगाया कि युवक उसे पहले से ही परेशान करता आ रहा था. इसके बाद छात्रा ने युवक के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.
मामला ट्रायल कोर्ट में पहुंचा, जहां साक्ष्यों के अभाव में युवक को बरी कर दिया. इसके बाद निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. जहां हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा.
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