
सूचना का अधिकार (RTI) कानून के लागू होने के 20 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 12 अक्टूबर 2025 को रायपुर में कांग्रेस पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि “यूपीए कांग्रेस सरकार ने जनता के हक और प्रशासन की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए सूचना का अधिकार कानून लागू किया था.” उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक कानून 12 अक्टूबर 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के नेतृत्व में लागू हुआ था, जिसने देश के आम नागरिकों को शासन के कामकाज की जानकारी पाने का अधिकार दिया.
दीपक बैज ने बताया कि यूपीए सरकार ने RTI के साथ-साथ मनरेगा कानून, वन अधिकार अधिनियम और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम जैसे जनहितकारी कानून भी बनाए, जिन्होंने देश के गरीब और वंचित वर्ग को उनके अधिकारों की गारंटी दी. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “समय के साथ मोदी सरकार ने इस कानून को कमजोर करने का प्रयास किया है.
संशोधित प्रावधानों के तहत अब कई मामलों में सार्वजनिक कर्तव्यों और सरकारी धन के उपयोग से जुड़ी जानकारी भी रोकी जा सकती है, जो इस कानून की मूल भावना पर प्रहार के समान है.” कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सूचना का अधिकार कानून को फिर से मजबूत और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है ताकि शासन-प्रशासन की जवाबदेही बनी रहे और लोकतंत्र की नींव मजबूत हो.
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