Republic Day Special 2025: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का आलबरस गांव...एक ऐसा गांव, जहां देशभक्ति सिर्फ भावना नहीं,बल्कि जीवन का हिस्सा है. इस छोटे से गांव ने अब तक थल सेना को 45 से भी ज्यादा जांबाज जवान दिए हैं. यहां के युवाओं में देश सेवा का जुनून देखते ही बनता है.
ऐसे जागा जुनून
1987 में ग्यारहवीं के छात्र बीएल देशमुख ने इसकी शुरुआत की थी. देशभक्ति का जुनून लिए उन्होंने अकेले ही तैयारी शुरू कर दी और 1987 में अपना मुकाम हासिल करते हुए देश सेवा में लग गए. 30 सालों तक सियाचिन गैलेशियर सहित देश के अलग-अलग राज्यों में सेवा देने के बाद वे 2016 सूबेदार मेजर रहते रिटायर हुए थे और अब युवाओं और समाज को नई दिशा प्रदान करने में लगे हुए हैं.
आलबरस की मिट्टी में देशप्रेम रचा- बसा है, और यही वजह है कि यह गांव देश की रक्षा के लिए हर कदम पर तैयार खड़ा रहता है. इस गांव के युवाओं का जोश और जज़्बा आपको भाव-विभोर कर देगा. आलबरस जैसे गांव हमारे राष्ट्र की असली ताकत हैं. गांव के लोग खु को गौरवान्वित महसूस करते हैं. आज भी की युवा देश सेवा के लिए जाने की तैयारी कर रहे हैं.
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