Chhattisgarh News in Hindi: छत्तीसगढ़ के बालोद (Balod) जिले के अंतिम छोर पर स्थित महामाया (Mahamaya) में तीन गांव के ग्रामीण पिछले 25 दिनों से धरने पर बैठे हैं. माइंस के पहाड़ी से बहकर आने वाले लाल पानी (Red Water) और माइंस से उड़ने वाले धूल से इन लोगों का जीवन पूरी तरह से बेकार हो चुका है. लगभग 158 प्रभावित परिवार हैं, जो महामाया, दुल्की एवं कलवर माइंस में परिवार के एक सदस्य को काम देने की मांग कर रहे हैं. लेकिन, अब तक उनकी मांगों को लेकर कोई सुनवाई नहीं हुई है.
बीएसपी के लिए किया जाता है आयरन ओर का परिवहन
भिलाई स्टील प्लांट, बीएसपी के लिए इन तीनों माइंस महामाया, दुल्की एवं कलवर से आयरन ओर का परिवहन लगातार किया जा रहा है. इससे क्षेत्र का वातावरण पूरी तरह धूलयुक्त हो चुका है. ग्रामीणों की मानें, तो इन तीनों माइंस से निकलने वाले लाल फाइंसयुक्त पानी के कारण क्षेत्र के खेतों में फसल उत्पादन पर बुरा असर हो रहा है. यही नहीं, इस फाइंस युक्त लाल पानी से क्षेत्र के किसानों के खेत बंजर हो रहे हैं. जिसके चलते अब ये सभी लाल पानी से प्रभावित 158 ग्रामीण परिवार माइंस में एक सदस्य के लिए रोजगार मांग रहे है.
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अब तक नहीं हुई कोई कार्रवाई
ग्रामीणों की इस परेशानी को लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. उनके धरने पर न तो प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही प्लांट कोई ठोस कदम उठा रहा है. ऐसे में लोग अपनी मांगों को लेकर लगातार धरना दे रहे हैं और रोजगार की मांग कर रहे हैं.
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