CGPSC exam 2023: 'इतिहास गवाह हैं, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती. छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है, जहां छोटे से किसान के बेटे रविशंकर वर्मा ने सीजीपीएससी (CGPSC) एग्जाम क्रेक करके अपनी सफलता का डंका बजा दिया हैं.
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के छोटे से गांव कुसमुंडी में जन्मे रविशंकर वर्मा ने अपनी मेहनत, लगन और दृढ़ निश्चय से वह मुकाम हासिल किया है, जो लाखों युवाओं का सपना होता है. साधारण किसान परिवार में जन्मे रविशंकर ने अपनी सीमित परिस्थितियों के बावजूद डिप्टी कलेक्टर का पद हासिल कर सफलता का नया अध्याय लिखा है.
रविशंकर का जन्म किसान पिता बालकृष्ण वर्मा और गृहिणी मां योगेश्वरी वर्मा के परिवार में हुआ. पढ़ाई के प्रति उनकी लगन शुरू से ही थी. उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच में बीटेक किया और एनआईटी से अपनी पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने प्राइवेट नौकरी की, लेकिन मन सिविल सेवा की तैयारी में था. सिविल सेवा की राह में असफलताएं रविशंकर को डिगा नहीं सकीं.
शुरुआती चार प्रयास असफल रहे, लेकिन 2021 में पांचवें प्रयास में उन्होंने छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा में 50वीं रैंक हासिल कर रोजगार अधिकारी के रूप में अपना सफर शुरू किया. फिर भी उनका सपना डिप्टी कलेक्टर बनने का था और उन्होंने अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा.
दृढ़ निश्चय और समय प्रबंधन का कमाल
जिला कोरिया में रोजगार अधिकारी के रूप में काम करते हुए 9 घंटे की सरकारी ड्यूटी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद रविशंकर ने तैयारी जारी रखी. उन्होंने सोशल मीडिया का सकारात्मक और सीमित उपयोग करते हुए समय का बेहतर प्रबंधन किया. उनका मानना है कि स्पष्ट कॉन्सेप्ट के साथ कम समय में भी बेहतरीन तैयारी की जा सकती है.
साक्षात्कार में आत्मविश्वास बना जीत की कुंजी
2024 की छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा के साक्षात्कार में रविशंकर ने आत्मविश्वास के साथ अपने विषय और हॉबी से जुड़े सवालों के बेहतरीन जवाब दिए. यह आत्मविश्वास ही उनकी सफलता की बड़ी वजह बना.
रविशंकर का सपना हुआ सच
2024 के घोषित परिणामों में रविशंकर वर्मा ने शीर्ष स्थान हासिल किया. यह पल उनके परिवार, गांव और उनके समर्थकों के लिए गर्व का क्षण था.
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