छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट, कैसे पहली बार हो सकते हैं 14 सदस्य?

छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर फिर से सुगबुगाहट शुरू हो गई है. चर्चा है कि छत्तीसगढ़ में मंत्रियों की संख्या को लेकर हरियाणा का फार्मूला लागू किया जा सकता है. अगर ऐसा हुआ तो राज्य में मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 13 नहीं बल्कि 14 सदस्य होंगे. ये चर्चा इसलिए भी तेज हो गई है क्योंकि सरकार के मुखिया विष्णुदेव साय का दिल्ली दौरा होने जा रहा है.

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CG Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर फिर से सुगबुगाहट शुरू हो गई है. चर्चा है कि छत्तीसगढ़ में मंत्रियों की संख्या को लेकर हरियाणा का फार्मूला लागू किया जा सकता है. अगर ऐसा हुआ तो राज्य में मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 13 नहीं बल्कि 14 सदस्य होंगे. ये चर्चा इसलिए भी तेज हो गई है क्योंकि सरकार के मुखिया विष्णुदेव साय का दिल्ली दौरा होने जा रहा है. चर्चा है कि सीएम इस बार मंत्रिमंडल विस्तार पर आलाकमान से चर्चा करने जा रहे हैं. हालांकि खुद मुख्यमंत्री ने ऐसी किसी बात से इनकार किया है. उनका कहना है कि वे हर महीने एक-दो बार दिल्ली जाते रहते हैं. जहां वो छत्तीसगढ़ की जरूरतों और विकास कार्यों की जानकारी प्रधानमंत्री को देते हैं, साथ ही विभागीय मंत्रियों से भी मुलाकात कर प्रदेश के लिए जरूरी मुद्दों पर चर्चा करते हैं.

दरअसल इस चर्चा को तब बल मिला जब राज्य के उप मुख्यमंत्री अरुण साव का बयान सामने आया. उन्होंने कहा- मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. जल्द ही इस पर निर्णय किया जा सकता है.

सभी की सहमति के आधार पर इस पर फैसला जल्द होने की संभावना है. अब आगे बढ़ने से पहले ये जान लेते हैं कि छत्तीसगढ़ में जिस हरियाणा फार्मूले की चर्चा हो रही है वो है क्या?  

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बता दें कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में मंत्रियों के 2 पद खाली हैं. एक पद बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफा देने के बाद खाली हुआ और एक पद पहले से ही रिक्त था. हरियाणा फार्मूले के तहत एक मंत्री पद बढ़ाने के बाद छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार के बीच तीन नए मंत्रियों को जगह मिल सकती है. हालांकि मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर विपक्ष हमलावर है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता विकास बजाज कहना है कि छत्तीसगढ़ में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है, तब से ही विफल है. मंत्रियों के पद तक नहीं भर रहे हैं.

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वे इसे डबल इंजन की सरकार कहते हैं, लेकिन दोनों इंजन अलग तरफ से सरकार को खींच रहे हैं, पता ही नहीं चल रहा है कि पावर सेंटर कौन है, प्रदेश में अराजकता का माहौल है. बहरहाल मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं पर विराम कब लगेगा? क्या इस बार सीएम के दिल्ली दौरे में नए मंत्रियों के नाम तय होंगे, इसके जवाब भविष्य में ही मिलेंगे, लेकिन हरियाणा फार्मूला लागू होने के बाद राज्य को मंत्री का एक नया पद जरूर मिल जाएगा.
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