Pradhan Mantri Awas Yojana: छत्तीसगढ़ में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai) की मौजूदगी में "मोर आवास-मोर अधिकार" (Mor Awas Mor Adhikar) कार्यक्रम का आयोजन हुआ. दुर्ग जिले के पार्श्वतीर्थ नगपुरा में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 3.03 लाख प्रधानमंत्री आवास के निर्माण के लिए स्वीकृति पत्र प्रदान किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ वासियों, मैं मेहमान नहीं, परिवार का सदस्य हूं. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दो भाई हैं. मुझे छत्तीसगढ़ के हर जिले और हर मंडल में घूम-घूमकर युवा मोर्चे का काम खड़ा करने का सौभाग्य मिला है. यहां की स्मृतियां भुलाए नहीं भूलता.
'MP-CG दो भाई',
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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा- तुमसे मिलने को जी करता है रे बाबा...#ChhattisgarhNews pic.twitter.com/lAhqDFQT8D
खाली हाथ नहीं आया ये लेटर लेकर आया हूं : शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह ने कहा कि हमने फैसला किया है कि अब हितग्राही स्वयं आवास का सर्वे कर सकते हैं. पहले रमन सिंह जी ने छत्तीसगढ़ में अद्भुत और ऐतिहासिक विकास किया है. बीच में 5 साल कांग्रेस की सरकार ने विकास को रोक दिया, जैसे कालनेमी ने हनुमान जी को रोकने की कोशिश की थी. छत्तीसगढ़ में 5 साल ऐसी सरकार रही जिसने विकास को रोक दिया और गरीबों के मकान छीनने का पाप किया.
छत्तीसगढ़ में बोले केंद्रीय कृषि मंत्री..
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'आज खाली हाथ नहीं आया... स्वीकृति पत्र साथ लेकर आया हूं': @ChouhanShivraj #ChhattisgarhNews pic.twitter.com/VogTsIRhzV
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब आवास का सर्वे केवल सर्वेयर या अधिकारी ही नहीं बल्कि एप के माध्यम से हितग्राही खुद भी सेल्फ सर्वे कर सकते हैं. सेल्फ सर्वे के लिए आधार नंबर की जरूरत है, अपने मोबाईल में एप पर लॉगिन कीजिए, पहचान के लिए अपने चेहरे की फोटो खींचिए, अपने आप फोटो अपलोड हो जाएगा. फिर एप में एक फॉर्म आएगा उसके कॉलमों को भर दीजिए तो सर्वे की सूची में नाम जुड़ जाएगा. अधिकारियों की टीम एक बार परीक्षण कर लेगी और परीक्षण के बाद उन नामों को स्वीकार कर लिया जाएगा.
एक देश एक चुनाव पर यह कहा
इस देश में और कुछ हो न हो, लेकिन पांचों साल, बारह महीने चुनाव की तैयारी जरूर होती रहती है. एक साल पहले मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान के चुनाव खत्म नहीं हुए कि, लोकसभा के चुनाव आ गए. वो खत्म हुए नहीं कि, फिर हरियाणा, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और झारखंड के चुनाव आ गए. वो चुनाव खत्म हुए तो दिल्ली का दंगल शुरू हो गया और इसके बाद बिहार के चुनाव आ जाएंगे. ये लगातार होने वाले चुनाव देश की प्रगति में बाधा है. इसलिए संविधान में संशोधन होकर, पांच साल में एक बार लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होने चाहिए.
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