![Patan Nagar Panchayat Result: भूपेश बघेल के गढ़ में भी हारी कांग्रेस, कहां चूक गए ‘कका’? Patan Nagar Panchayat Result: भूपेश बघेल के गढ़ में भी हारी कांग्रेस, कहां चूक गए ‘कका’?](https://c.ndtvimg.com/2025-02/7u1rosag_bhupesh-baghel_625x300_15_February_25.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Patan Nagar Panchayat Result: छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को तगड़ी शिकस्त मिली है. यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के गृह क्षेत्र पाटन (Patan Nagar Panchayat ) में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम बघेल का गृह क्षेत्र पाटन है, जो दुर्ग जिले में स्थित है. पाटन विधानसभा क्षेत्र से वे पांच बार विधायक रह चुके हैं और इस क्षेत्र में उनकी मजबूत राजनीतिक पकड़ रही है. लेकिन नगरीय निकाय चुनावों में पाटन क्षेत्र में भी कांग्रेस को पराजय का सामना करना पार्टी का हाल बयान कर रहा है.
पाटन नगर पंचायत में भाजपा प्रत्याशी योगेश निक्की भाले ने 601 वोटों से जीत दर्ज की है. वहीं दुर्ग नगर निगम में भी बीजेपी की जीत हुई है. ऐसे में कांग्रेस की मिली इस हार ने एक बार फिर कांग्रेस के प्रदेश संगठन पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. पाटन नगर पंचायत में कांग्रेस की हार पूर्व सीएम लिए बड़ा झटका है. यहां कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव प्रचार किया था.
टीएस सिंहदेव के इलाके में भी कांग्रेस को हार
पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह के क्षेत्र में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. अंबिकापुर नगर निगम में बीजेपी की महापौर प्रत्याशी मंजूषा भगत ने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अजय तिर्की को मात दी है. हालांकि कांग्रेस की हार पर टीएस सिंहदेव ने कहा कि ट्रेंड सा चलन है, जिसकी सरकार उसी पार्टी की नगरीय निकाय चुनाव में जीत हासिल होती है. प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की हार की समीक्षा करेंगे.
क्या है हार की वजह?
कांग्रेस की हार की वजह आपसी गुटबाजी और बागी प्रत्याशियों का चुनाव मैदान में उतरना बताया जा रहा है. वहीं, दूसरी पार्टी स्तर पर व्यापक तौर पर रणनीति का भी अभाव नजर आया.
- 1. स्थानीय मुद्दों की अनदेखी: पाटन क्षेत्र में स्थानीय समस्याओं, जैसे बुनियादी सुविधाओं की कमी, सड़कों की खराब स्थिति, और जल आपूर्ति में अनियमितता, को पर्याप्त रूप से ध्यान न देने के कारण जनता में असंतोष बढ़ा.
- 2. भाजपा की सक्रियता: भाजपा ने पाटन क्षेत्र में आक्रामक प्रचार अभियान चलाया, जिसमें उन्होंने स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और समाधान के वादे किए, जिससे मतदाताओं का रुझान उनकी ओर बढ़ा.
- 3. कांग्रेस की आंतरिक कलह: पार्टी के भीतर गुटबाजी और नेतृत्व की कमी ने कांग्रेस की चुनावी रणनीति को कमजोर किया, जिससे मतदाताओं का भरोसा डगमगा गया.
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