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NIA Raid: प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन मामले में NIA का एक्शन, छत्तीसगढ़ की इन जगहों में हुई तलाशी

NIA Raids in Chhattisgarh: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सितंबर 2024 में भी छत्‍तीसगढ़ में छापेमार कार्रवाई की थी. एनआईए की टीम ने कांकेर जिले के आमाबेड़ा थाना क्षेत्र के उसेली गांव में एक पत्रकार के घर पर छापा मारा था. यहां बड़ी संख्या में मौके पर अधिकारी पूछताछ की गई थी.

NIA Raid: प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन मामले में NIA का एक्शन, छत्तीसगढ़ की इन जगहों में हुई तलाशी

NIA Raids News: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को सीपीआई (माओवादी) से संबंधित मामले में झारखंड के गिरिडीह जिले में कई स्थानों पर तलाशी ली. इसके अलावा छत्तीसगढ़ की कई जगहों में तलाशी ली गई. एनआईए की टीमों (NIA Team) ने संदिग्धों और ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) के घरों और अन्य कई परिसरों की गहन तलाशी ली. इसमें कई मोबाइल फोन और सिम कार्ड आदि जब्त किए गए। जब्त की गई वस्तुओं की जांच की जा रही है. पूरा मामला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के नक्सली कैडर कृष्ण हांसदा की गिरफ्तारी से शुरू हुआ. सीपीआई (माओवादी) के क्षेत्रीय समिति सदस्य हांडा को जनवरी 2023 में डुमरी पीएस के लुसियो वन क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था.

क्या है मामला?

जांच के दौरान, एनआईए ने जून 2023 में मामले को अपने हाथ में लिया. एजेंसी ने कई संदिग्धों और ओजीडब्ल्यू के संबंधों का पता लगाया, जिनके बारे में माना जाता है कि वे गिरिडीह जिले के पारसनाथ क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) को रसद और इलेक्ट्रॉनिक सामान की आपूर्ति में शामिल थे. आज की तलाशी इन संदिग्धों और ओजीडब्ल्यू के खिलाफ एनआईए की जांच का हिस्सा थी. मामले की जांच जारी है.

इसके अलावा जांच एजेंसी ने पिछले साल राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान और सुरक्षा दल पर सीपीआई (माओवादी) के हमले के सिलसिले में शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के सुदूर गांवों में कई स्थानों पर भी तलाशी ली.

गरियाबंद और धमतरी जिलों के संवेदनशील माओवादी प्रभावित क्षेत्रों के रावण डिग्गी, सेमरा, मैनपुर, घोरागांव, केराबाहरा और गरियाबंद गांवों में 11 संदिग्धों के कई ठिकानों पर तलाशी ली गई. माना जा रहा है कि संदिग्ध प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) आतंकी संगठन के मैनपुर-नुआपाड़ा डिवीजन के ओवर ग्राउंड वर्कर (ओडब्ल्यूजी) और समर्थक थे.

जांच से पता चला है कि पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के दौरान बड़े गोबरा गांव से मतदान के बाद लौट रहे मतकर्मी और सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमले में आईटीबीपी एडहॉक 615 बटालियन के हेड कांस्टेबल की हत्या करने वाले आईईडी विस्फोट के पीछे मैनपुर-नुआपाड़ा डिवीजन का हाथ था.

आज जिन संदिग्धों के परिसरों की तलाशी ली गई, उनके नाम एनआईए-आरपीआर मामले में जांच के दौरान सामने आए थे. एनआईए द्वारा तलाशी के दौरान नक्सली पर्चे/बुकलेट, मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइस, 1.5 लाख रुपये नकद और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई. मामले में अब तक 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है.

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