Martyr Jawan Birendra Kumar Sori: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में जिला रिजर्व गार्ड (DRG) नारायणपुर के प्रधान आरक्षक बिरेंद्र कुमार सोरी शहीद हो गए थे. उसके बाद शहीद जवान का पार्थिव शरीर जिला मुख्यालय नारायणपुर (Narayanpur) लाया गया, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी गई. उनके निधन पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai) ने भी शोक संवेदना व्यक्त की है. बिरेंद्र कुमार सोरी की मौत नक्सलियों द्वारा बिछाए गए जाल में आईईडी विस्फोट (IED Blast) के दौरान हो गई थी.
कैसा रहा है सोरी का सफर?
शहीद जवान सोरी 2010 में नारायणपुर जिला बल में आरक्षक के पद में भर्ती हुए थे और 2018 में नक्सल अभियान में वीरतापूर्ण कार्य के लिए क्रम से पहले प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नत हुए थे. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा दल बुधवार दोपहर बाद एक बजे जब क्षेत्र में था, तब माओवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. माओवादियों द्वारा गोलीबारी के बाद सुरक्षाबल के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की. इस दौरान सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच कई बार मुठभेड़ हुई.
सीएम ने क्या कहा?
सीएम विष्णु देव साय ने लिखा है कि नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए हमारे जांबाज, प्रधान आरक्षक बिरेंद्र कुमार सोरी जी की शहादत को नमन करता हूं. शहीद बिरेंद्र कुमार सोरी जी नक्सल ऑपरेशन में वीरतापूर्ण कार्य के लिए पूर्व में आरक्षक से प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नत हुए थे. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं. ईश्वर से प्रार्थना है कि वह दिवंगत पुण्यात्मा को शांति और शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करें. मातृभूमि के लिए प्राण न्योछावर करने वाले हर देशभक्त का त्याग और बलिदान, हमें देश की रक्षा के प्रति प्रेरित करता रहेगा. राष्ट्र आपकी वीरता और समर्पण का सदैव ऋणी रहेगा.
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