Chhattisgarh IPS Bhojram Patel: आज हम आपको छत्तीसगढ़ के एक ऐसे आईपीएस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मजबूत पुलिसिंग के साथ नवाचारों के जरिए लोगों की सोच बदलने का काम कर रहे है. इसी का नतीजा रहा कि एक बच्ची आत्मघाती कदम उठाने और एक परिवार टूटने से बच गया.
दरअसल छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के एसपी भोजराम पटेल पुलिसिंग के अलावा नवाचारों के लिए पहचाने जाते हैं. जिस जिले में पोस्टिंग होती है वहां एक न एक नवाचार करते ही हैं जिससे बदलाव नजर आता है.उन्होंने मुंगेली जिले में पहल कार्यक्रम शुरू किया है. इसका असर यहां दिखने लगा है. इस पहल का नतीजा ये रहा कि स्कूल की एक छात्रा फेसबुक के कथित युवक के झांसे में आकर सुसाइड करने से बच गई.

एसपी ने इस जिले में पहल कार्यक्रम की शुरूआत की. जिसमें सायबर, ड्रग्स, ट्रैफिक के बारे में लोगों को जागरुक करना शुरू किया. इसके लिए गांवों के कोटवारों, स्व सहायता समूह की महिलाओं, स्कूल-कॉलेजों के छात्रों को इसके बारे में बताया.
स्कूलों में इसकी शुरूआत
स्कूलों में होनहार बच्चों में से दो बच्चों का चयन किया गया. इनमें से एक को कलेक्टर और दूसरे को एसपी बनाकर उनके काम बांटे गए. कलेक्टर का काम स्कूल में मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखना जबकि एसपी का काम इस बात का ख्याल रखना कि कोई साइबर ठग का शिकार तो नहीं हो रहा है, किसी बच्चे के पास मोबाइल तो नहीं है, बच्चियों से किसी तरह की गलत हरकत तो नहीं की जा रही है, ऐसी तमाम बातों का ख्याल रख निपटारा करना.
एक छात्रा फेसबुक फ्रेंड के झांसे में फंस गई और वह घर छोड़कर जाने वाली थी. इस बीच उसे ख्याल आया कि स्कूल के एसपी को इस बारे में बताए. उसने इसकी जानकारी स्कूल के एसपी को दी. ये बात पुलिस तक पहुंची और पड़ताल में पता चला कि युवक लड़की को झांसा दे रहा था. पहले भी कुछ लड़कियों को प्रेमजाल में फंसा चुका है. ऐसे में स्कूल की छात्रा भी गलत रास्ते पर चलकर आत्मघाती कदम उठाने से बच गई.

परिवार टूटने से भी बचा
ऐसे ही एक मां और बेटे के बीच आ रही दूरियों को मिटाकर परिवार को टूटने से भी बचाने का काम किया. दरअसल दोनों के बीच पारिवारिक विवादों के लेकर एक दूसरे के प्रति नकारात्मक विचार आ गए थे. लेकिन दोनों के बीच संवाद करवाया तो सोच बदल गई.
यहां रही है पोस्टिंग
भोजराम पटेल रायपुर, कांकेर, गरियाबंद, कोरिया, महासमुंद, बीजापुर के बाद अब मुंगेली में पदस्थ हैं. जहां रहे हैं वहां मजबूत पुलिसिंग के साथ ही नवाचारों के जरिए बदलाव लाने की भी कोशिश की है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए पहल, छइयां, सियान कार्यक्रम चलाकर लोगों से जुड़ने और बदलाव की कोशिश की है.एक थाने के महिला सेल का स्वरूप बदल दिया था. यहां की दीवारों में ऐसी चित्रकारी उकेरी गई कि यहां शिकायत लेकर आने वाली महिलाओं के मन में पति और परिवार के लिए सकारात्मक विचार आए और परिवार टूटने से बचाए जा सकें. इसका भी काफी प्रभाव पड़ा. इनके नवाचार काफी सराहे गए हैं.
ये भी पढ़ें IAS Priyanka Shukla: जानिए कौन हैं IAS अफसर डॉ. प्रियंका शुक्ला? MY Bharat में बनी हैं देश की पहली CEO