Journalist Mukesh Chandrakar Murder Case: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जांबाज पत्रकार मुकेश चंद्राकर (Mukesh Chandrakar) की हत्या की जो वजह सामने आई है वो है बीजापुर (Bijapur) के गंगालू से नेलसनार की घटिया सड़क. नक्सल प्रभावित इलाके में बनी ये सड़क 52 किलोमीटर लंबी है. इस सड़के के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की कहानी हमारे जांबाज साथी मुकेश चंद्राकर और निलेश त्रिपाठी ने दुनिया के सामने लाया था. जिसके बाद सड़क को बनाने के लिए जिम्मेदार ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उसके साथियों ने मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या कर दी. हत्याकांड का खुलासा 3 जनवरी 2025 को हुआ और 6 जनवरी 2025 को ही NDTV के तीन पत्रकारों ने उसी सड़क पर जाकर फिर से हालात का जायजा लिया. हमारा मकसद सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने के साथ-साथ ये बताना भी था मुकेश चंद्राकर की हत्या से हम डरे नहीं है. हम बेखौफ होकर जन सरोकार के मुद्दे को उठाते रहेंगे.
अब भी बाज नहीं आ रहे भ्रष्टाचारी
सोमवार को जब हमारे तीन पत्रकार जुल्फिकार अली, विकास तिवारी और चंद्रकांत शर्मा गंगालू से नेलसनार का जायजा लेने पहुंचे, तो पाया का इतना सबकुछ होने के बाद भी भ्रष्टाचारी बाज नहीं आ रहे हैं. दरअसल बीते 24 दिसंबर को जब NDTV ने इस सड़क के निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार की रिपोर्ट प्रकाशित की थी तब सरकार ने इस पर जांच कमेटी बैठा दी थी. इसके बावजूद इस सड़क पर जो पैच वर्क किया गया है वो भी घटिया स्तर का है. हमारे पत्रकारों ने जब इस पैच वर्क को हाथ से ही हल्के से कुरेदा तो सामग्री हाथों में आ गई. साफ मतलब है कि ठेकेदार के हौसले इतने बुलंद है वो खबर के बाद जांच बैठने पर भी घटिया पैच वर्क से बाज नहीं आया.
शहीद जवानों के खून से भी सनी है ये सड़क
दरअसल, ये सड़क बेहद अहम है. घोर नक्सल प्रभावित गंगालूर से नेलशनार तक बन रही ये सड़क बदलते बस्तर की सैर कराने वाली सड़क है. इसके जरिए बस्तर के अंदरुनी इलाकों में जाया जा सकता है. बता दें कि बीजापुर टी- प्वाइंट से जगरगुंडा तक निर्माणाधीन 70 किलोमीटर की सड़क निर्माण में अब तक सुरक्षा बलों के 48 जवानों की शहादत हो चुकी है. मतलब इस सड़क में गिट्टी, बालू और अलकतरा के साथ-साथ शहीद जवानों का खून भी सना हुआ है. अब तो इस सड़क में पत्रकार मुकेश चंद्राकर का खून भी शामिल है. बीते 24 दिसंबर को जब NDTV की टीम ने बीजापुर जिले के गंगालूर से मिरतुर जाने वाली सड़क पर हिरौली के पास 10 किलोमीटर के दायरे में जायजा लिया था तब 1 किलोमीटर के ही इलाके में हमें 35 से ज्यादा गड्ढे मिले थे.इसके अलावा पास की पहाड़ी काटकर ही बेस का मटैरियल यूज किया जा रहा है. जिसकी अनुमति भी नहीं ली गई थी.
बहरहाल NDTV की टीम इस सड़क का जायजा लेने फिर से पहुंची और हत्यारों को संदेश दिया कि NDTV हमेशा सच के साथ था, है और रहेगा. हम अपने साथी की हत्या से डरेंगे नहीं और सच्चाई दिखाते रहेंगे.
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