Mayank Singh Gangster Jharkhand: जुर्म की दुनिया का एक और गैंगस्टर इन दिनों सुर्खियों में है. नाम है मयंक सिंह उर्फ सुनील सिंह मीणा. उसको छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में PRA ग्रुप कारोबारी पर फायरिंग मामले में 24 दिसंबर 2025 को कोर्ट में पेश कर चार दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है. मयंक को झारखंड की रामगढ़ जेल से रायपुर कोर्ट लाया गया था, जबकि वह मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है.
ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि राजस्थान का रहने वाला मयंक सिंह अपने घर से करीब 1700 किलोमीटर दूर झारखंड और छत्तीसगढ़ में अपनी गैंग कैसे खड़ी कर पाया? किनके इशारे पर उसने कारोबारियों में दहशत फैलाई? आइए जानते हैं राजस्थान के मयंक सिंह के गैंगस्टर बनने की पूरी कहानी.
Mayank Singh in Lawrence Bishnoi Gang: लॉरेंस बिश्नोई का पड़ोसी है मयंक सिंह
झारखंड से ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाए गए मयंक सिंह के तार कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े बताए जा रहे हैं. दोनों एक-दूसरे के पड़ोसी जिलों के रहने वाले हैं. गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 12 फरवरी 1993 को पंजाब के फाजिल्का जिले के दुतारावाली गांव में हुआ था, जबकि मयंक सिंह का जन्म राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के घड़साना क्षेत्र की पुरानी मंडी में हुआ. फाजिल्का और घड़साना के बीच की दूरी करीब 75 किलोमीटर है. इसी भौगोलिक नजदीकी के कारण मयंक सिंह की लॉरेंस बिश्नोई गैंग में एंट्री आसान मानी जाती है.

Mayank Singh Gangster Jharkhand from Rajasthan Now in Raipur CG
Mayank Singh Gangster Jharkhand: मयंक सिंह झारखंड-छत्तीसगढ़ में क्यों हुआ सक्रिय?
जब लॉरेंस बिश्नोई गैंग राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में सक्रिय थी, तब मयंक सिंह उर्फ सुनील सिंह मीणा झारखंड और छत्तीसगढ़ में दहशत का दूसरा नाम कैसे बन गया? इस सवाल का जवाब झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू से जुड़ा है. अमन साहू झारखंड में 100 से ज्यादा मामलों में वांटेड था. 11 मार्च 2025 को स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने अमन साहू को एनकाउंटर में मार गिराया था.
अमन साहू उस समय छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जेल में बंद था, जहां से उसे झारखंड की राजधानी रांची लाया जा रहा था. रास्ते में पलामू जिले के चैनपुर के पास उसने STF जवान से इंसास राइफल छीनकर भागने की कोशिश की, जिसके बाद उसे मार गिराया गया.
Mayank Singh in Aman Sahu Gang: अमन साहू के संपर्क में कैसे आया मयंक सिंह?
अमन साहू झारखंड के रांची जिले के बुड़मू थाना क्षेत्र के मतवे गांव का रहने वाला था. झारखंड की अपराध की दुनिया में उसका बड़ा नाम था. कोयला कारोबारियों से रंगदारी वसूली के दौरान उसके तार राजस्थान के मयंक सिंह उर्फ सुनील सिंह मीणा से जुड़े.

Mayank Singh Gangster Jharkhand from Rajasthan Now in Raipur CG
झारखंड में किसी भी गैंग के लिए काली कमाई का सबसे बड़ा जरिया एक्सटॉर्शन मनी यानी रंगदारी है. अमन साहू जब अपनी गैंग के लोगों से कारोबारियों को कॉल करवाता था, तो वे झारखंड पुलिस की टेक्निकल सेल के रडार पर आ जाते थे.
इसी वजह से गैंग को ऐसे अपराधी की तलाश थी, जो देश से बाहर बैठकर झारखंड और छत्तीसगढ़ के कारोबारियों को इंटरनेशनल नंबरों से कॉल कर सके. इसी भूमिका में मयंक सिंह सामने आया.
बिहार के बदमाशों ने करवाई अमन साहू-मयंक सिंह की मुलाकात
अक्टूबर 2025 में मीडिया से बातचीत में झारखंड के तत्कालीन DGP ने बताया था कि बिहार के अपराधियों ने अमन साहू और मयंक सिंह की मुलाकात करवाई थी. इस मुलाकात के बाद तय हुआ कि मयंक सिंह मलेशिया और दुबई जैसी जगहों से झारखंड और छत्तीसगढ़ के कारोबारियों को इंटरनेशनल नंबरों से एक्सटॉर्शन कॉल करेगा.

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अज़रबैजान से पकड़ा गया मयंक सिंह
विदेश में बैठकर झारखंड और छत्तीसगढ़ में दहशत फैलाने वाले मयंक सिंह को झारखंड पुलिस ने अज़रबैजान से गिरफ्तार किया. वह झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पंजाब समेत कई राज्यों में दर्जनों आपराधिक मामलों में वांछित था. मयंक सिंह के खिलाफ झारखंड के रांची, रामगढ़, हजारीबाग और गिरिडीह समेत कई जिलों में रंगदारी, हत्या के प्रयास और धमकी देने के 50 से अधिक मामले दर्ज हैं. वह मुख्य रूप से झारखंड के कोयला कारोबारियों, कंस्ट्रक्शन ठेकेदारों और बड़े व्यापारियों से रंगदारी वसूली का नेटवर्क संभालता था.
भारत से फरार होने के बाद वह पहले मलेशिया और फिर अज़रबैजान में रहकर इंटरनेट कॉल और सोशल मीडिया के जरिए गिरोह का संचालन करता था. झारखंड पुलिस (ATS) के अथक प्रयासों और इंटरपोल की मदद से उसे अज़रबैजान से प्रत्यर्पित कर रांची लाया गया. यह झारखंड पुलिस के इतिहास में इस तरह की पहली बड़ी कार्रवाई मानी गई. फिलहाल मयंक सिंह झारखंड की रामगढ़ जेल में बंद है, जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाया गया है.
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