Jashpur News: नक्सलवाद से जूझ रहे छत्तीसगढ़ में इन दिनों एक और संगठन सुर्खियों में है. दरअसल, जशपुर जिले में इन दिनों पुलिस के जैसे खाकी वर्दी पहनकर खुद को समाज का रक्षक बताने वाले एक तथाकथित संगठन के लोग गांव-गांव घूम रहे हैं.
पुलिस जैसी वर्दी में स्टार, अशोक स्तंभ समेत तमाम पुलिसिया वर्दी के मापदंडों के साथ लगभग दर्जन भर लोग बगीचा पुलिस के पास पहुंचकर अपने को समाज का रक्षक बताने लगे. धारदार हथियारों और डंडों से लैस होकर पुलिसिया वर्दी में ये लोग बगीचा थाने पहुंचे और एडिशनल एसपी निमिषा पांडेय से बहस करने लगे. इनका दावा है कि प्रदेश ही नहीं पूरे देश में इनके संगठन के लोग पुलिस की वर्दी में कार्य कर रहे हैं.
जशपुर जिले में इन दिनों पुलिस के जैसे खाखी वर्दी पहनकर खुद को समाज का रक्षक बताने वाले एक तथाकथित संगठन के लोग गाँव गाँव में घूम रहे हैं. जशपुर पुलिस के सामने एक नए पुलिस संगठन के खड़े हो जाने से विवाद शुरू हो गया है. #ChhattisgarhNews pic.twitter.com/ejzA7xztfK
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) November 19, 2024
पैसा उगाही के आरोप में मामला दर्ज
मामला जशपुर जिले के बगीचा थाना का है जहां बगीचा पुलिस के सामने एक नए पुलिसिया संगठन के आने से पुलिस भी हैरत में पड़ गई. दरअसल, वर्दीधारी संगठन के लोगों में से एक सदस्य किशन दास महंत को नकली पुलिस बनकर धमकी एवं पैसा उगाही के आरोप में पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया था. इसके बारे में न्यायालय से जमानत मिलने के बाद उसने अपने संगठन को जानकारी दी. इसके बाद संगठन के आला पदाधिकारी बकायदा पुलिसिया वर्दी में धारदार हथियारों से लैस होकर बगीचा थाने पहुंचे और अपने को सही बताने लगे. हालांकि हथियारों के साथ पुलिसिया वर्दी की जांच बगीचा पुलिस ने शुरु कर दी है.
क्या है संगठन का नाम?
एडिशनल एसपी निमिषा पांडेय से मिलकर उन्होंने बताया कि उनके संगठन का नाम समाजवाद अंतरराष्ट्रीय किसान मजदूर सैनिक संस्था है जो समतामूलक कानून चलाने के लिए इस वर्दी को पहने हैं. उनका उद्देश्य विश्व चराचर जगत की रक्षा के लिए कार्य करना है. उनका दावा है कि उनको केंद्र सरकार से वर्दी पहनने की स्वीकृति मिली हुई है. बगीचा पुलिस ने जब इनसे संस्था के दस्तावेज की मांग की तो सारे दस्तावेज इन्होंने प्रस्तुत करने के किए समय मांगा. वहीं बगीचा पुलिस ने साफ हिदायत देते हुए कहा कि इस प्रकार धारदार हथियार लेकर घूमना कानून का उल्लंघन है. फिलहाल दस्तावेजों की पड़ताल के बाद ही वर्दीधारी संगठन का सच सामने आएगा जिस पर पुलिस जांच कर रही है.
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