
Chhattisgarh Hindi News: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जेल के बंदी की जिला अस्पताल में मौत के बाद बवाल मच गया है. परिजन जेल और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. वहीं, कांग्रेस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है.
बताया जा रहा है कि पलारी थाना क्षेत्र के ग्राम खैरी निवासी उमेंद्र बघेल (35) को पलारी पुलिस ने 8 जून को आबकारी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जिसकी 10 जून को जेल में तबीयत बिगड़ी और 13 जून को इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं, मौत के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस ने शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमॉर्टम कराया.
मोर्चरी में रखा शव, परिजनों ने किया हंगामा
शव जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है. बंदी की मौत के बाद जिला अस्पताल में परिजनों ने जमकर बावल मचाया. इधर घटना की सूचना मिलने पर कसडोल विधायक संदीप साहू, जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुमित्रा घृतलहरे, पलारी नगर पंचायत अध्यक्ष गोपी साहू, जनपद सदस्य आर्यन शुक्ला, कांग्रेस जिला महामंत्री प्रभाकर मिश्रा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी और परिजन अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने परिजनों से घटना की जानकारी ली.
कांग्रेस विधायक ने की समिति गठित करने की मांग
मृतक बंदी के परिजनों से मुलाकात के बाद कसडोल विधायक संदीप साहू ने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से चर्चा कर घटना की जांच के लिए समिति गठन की मांग की है. उन्होंने जेल विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों पर न्यायिक जांच कराने और परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग मीडिया के जरिए रखी. वहीं, जिला अध्यक्ष सुमित्रा घृतलहरे ने कहा कि घटना के बाद से परिजनों को सूचना नहीं दी गई.
वहीं, मृतक की पत्नी शकुंतला बघेल ने कहा कि उनके पति की मौत की जानकारी नहीं दी गई. पहले जब जिला अस्पताल में भर्ती अपने पति से मिली थी तो उन्होंने सिर फूटने की जानकारी दी थी. यह भी कहा कि उनका पति शराब पीता था. गिरफ्तारी वाले दिन खेत की तरफ गए थे, जहां से पुलिस गिरफ्तार कर ली थी.
पूरे मामले पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने कहा कि उमेंद्र बघेल को आबकारी एक्ट में गिरफ्तार कर जेल दाखिल भेजा था. तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई है.