
CG Forest Department: छत्तीसगढ़ के अजगर के रेस्क्यू का मामला सामने आया है. अम्बिकापुर के ग्राम सरगवा के एक फार्म हाउस में 12 फीट लंबा और 20 किलो वजनी एक इंडियन रॉक पाइथन (मादा अजगर) को वन विभाग ने 25 अंडों के साथ रेस्क्यू किया है. वन विभाग की माने तो यह सांप शेड्यूल 1 प्रजाति का है. वन संरक्षण अधिनियम के तहत इसे मारना और टाइगर को मारना दोनों बराबर माना जाता है. इसके लिए एक जैसी सजा का प्रावधान है.
कैसे मिला ये अजगर?
एक निजी फार्म हाउस के एक गोदाम में यह विशाल मादा अजगर पिछले डेढ़ महीना से अपने अंडों को सेंक रही थी. जब फार्म हाउस के कर्मचारियों ने इस सांप को देखा तो अम्बिकापुर के सांप विशेषज्ञ सत्यम द्विवेदी को इसकी जानकारी दी.
जिसके बाद वन विभाग की टीम और सांप विशेषज्ञ सत्यम द्विवेदी द्वारा इस सांप का वहां से रेस्क्यू किया गया.
एक्सपर्ट का क्या कहना है?
इस बारे में सर्प विशेषज्ञ सत्यम द्विवेदी ने बताया कि रेस्क्यू किया गया सांप इंडियन रॉक पाइथन है यह मादा अजगर है जोकि वन विभाग नियम के अनुसार शेड्यूल 1 सपेसिस की श्रेणी में आता है. यह काफी महत्वपूर्ण है, इस सांप को और टाइगर को मारने में एक ही सजा है.
वन विभाग की निगरानी में रहेंगी मादा अजगर
वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी विजय भूषण केरकेट्टा ने बताया कि यह मादा अजगर को पर्यावरण के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण है, इस लिए जब तक अंडों से बच्चे नहीं निकलते तब तक वन विभाग की निगरानी में इस सांप को रखा जाएगा. उन्होंने ने बताया कि इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है. अंडों से बच्चा निकलने के बाद मादा अजगर और बच्चों को जंगल में छोड़ दिया जाएगा.
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