Success Story: बिहार के वसंत सरगुजा कलेक्टर, इंजी. का ख्याल छोड़ तैयारी की, पहले ऑफिसर, दूसरे प्रयास में UPSC क्रैक कर बने IAS

Success Story: बिहार के एक छोटे से गांव से निकलकर देश की सबसे कठिन परीक्षा पास करना आसान नहीं होता. लेकिन,विहार के अजीत वसंत ने इंजीनियर बनने का ख्याल छोड़कर सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की. दूसरे प्रयास में अजीत UPSC क्रैक कर IAS बन गए. इसी के साथ उन्होंने अपने पिता और दादा का सपना पूरा कर दिया. अजीत वसंत ने अब सरगुजा जिले के 53वें कलेक्टर के रूप में जिम्मेदारी संभाल ली है. 

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IAS Ajeet Vasant Success Story: जानिए सरगुजा कलेक्टर अजीत वसंत की कहानी.

IAS Ajeet Vasant Success Story: सरगुजा जिले के नवपदस्थ कलेक्टर अजीत वसंत ने जिला कार्यालय अंबिकापुर में पदभार ग्रहण कर लिया है. उन्होंने सरगुजा जिले के 53वें कलेक्टर के रूप में जिम्मेदारी संभाली. इसी के साथ उन्होंने प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा शुरू कर दी. उन्होंने अधिकारियों को शासन की योजनाओं को जमीन पर उतारने और लोगों के हित में काम करने के निर्देश दिए हैं. 

सरगुजा के नए कलेक्टर IAS Ajeet Vasant बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले हैं. उनका जन्म 20 जनवरी 1987 को जिले के छोटे से गांव अंधराठाढ़ी में हुआ. अजीत के पिता लेक्चरर थे, ऐसे में घर में पढ़ाई का माहौल था. अजीत भी बचपन से ही मेधावी छात्र रहे, उनकी पढ़ाई में काफी रुचि थी. अच्छे नंबरों से 10वीं पास करने के बाद अजीत वसंत 12वीं में पहुंचे तो उन्होंने गणित, फिजिक्स और केमिस्ट्री विषय को चुना.  

IAS Ajeet Vasant Success Story

दादा और पिता का सपना 

12वीं पास करने के बाद अजीत वसंत के मन में इंजीनियरिंग करने का ख्याल आया, लेकिन बाद में उन्होंने ऐसे छोड़ दिया. वहीं, अजीत के दादा और पिता का भी सपना था कि परिवार का कोई सदस्य सिविल सेवा में जाए. ऐसे में अजीत ने उनके सपने को अपना लक्ष्य बना लिया और फिर हिस्ट्री ऑनर्स में बीए करने का निर्णय लिया. बीए के साथ साथ  अजीत वसंत UPSC की तैयारी में जुट गए. 

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UPSC से पहले SSC CGL परीक्षा पास की

UPSC से पहले अजीत वसंत ने SSC CGL परीक्षा पास की. इस परीक्षा के जरिए वे दिल्ली में असिस्टेंट अकाउंट ऑफिसर और सेक्शन ऑफिसर बने. इसके बाद भी वे नौकरी के साथ UPSC की तैयारी करते रहे. साल 2010 में अजीत ने पहली बार UPSC (सिविल सेवा परीक्षा) दी. पहले प्रयास में प्रीलिम्स तो पास हुआ, लेकिन मेन्स में उन्हें सफलता नहीं मिली.

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2013 बैच के IAS अधिकारी बने

पहली असफलता के बावजूद अजीत ने हार नहीं मानी. उन्होंने अपनी तैयारी को और मजबूत किया और 2012 में दूसरी बार UPSC परीक्षा दी. इस बार प्रीलिम्स ही नहीं,  मेन्स और इंटरव्यू भी अजीत ने सफलतापूर्वक पास किए. इसके बाद वे छत्तीसगढ़ कैडर के 2013 बैच के IAS अधिकारी बने.

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बतौर IAS छत्तीसगढ़ में ऐसा रहा अजीत का सफर 

IAS अजीत वसंत को पहली पोस्टिंग राजनांदगांव जिले के मोहला-मानपुर में एसडीएम के रूप में मिली थी. इसके बाद वे जांजगीर-चांपा में जिला पंचायत सीईओ रहे. भू-राजस्व विभाग में सेवाएं देने के साथ गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में अपर कलेक्टर और फिर राजनांदगांव में जिला पंचायत सीईओ की जिम्मेदारी संभाली. कलेक्टर के रूप में उनकी पहली नियुक्ति नारायणपुर जिले में हुई, जहां उन्होंने अबूझमाड़ जैसे दुर्गम आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति दी. इसके बाद वे कोरबा जिले के कलेक्टर बने. जहां उन्होंने एक लाख से अधिक बच्चों के लिए सरकारी स्कूलों में रोजाना नाश्ता योजना शुरू की गई. कोरबा छत्तीसगढ़ का ऐसा पहला जिला था, जहां यह व्यवस्था लागू हुई. अब सरगुजा जिले की जिम्मेदारी संभालने के बाद प्रशासन और जनता को उनसे काफी उम्मीदें हैं.  

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