
Gariaband Court Judgement: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद जिले की एक दुष्कर्म पीड़िता (Rape Victim) को त्वरित न्याय मिला है. जिला अपर सत्र फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय (Additional Sessions Fast Track Special Court) ने पॉक्सो एक्ट के तहत फैसला सुनाया है. दुष्कर्म के FIR के महज 10 माह में ही नाबालिग युवती को भगाकर पंजाब (Punjab) दुष्कर्म करने वाले आरोपी को न्यायालय ने 20 साल के सश्रम कारावास और अर्थ दंड की सजा सुनाई है.
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, पिछले साल 2024 के मई माह में राजिम थाने में पीड़िता के पिता ने नाबालिग के लापता होने की सूचना दी, जिसके बाद काफी खोजबीन कर पंजाब के पटियाला जिले के सधारनपुर गांव से नाबालिग को लेकर पुलिस लौटी. इसके बाद पता यह चला कि गांव में युवती के चाचा के यहां हार्वेस्टर चलाने पंजाब से पहुंचा चालक उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ पहले दिल्ली और फिर पंजाब ले गया. जहां उसने युवती के साथ दुष्कर्म भी किया था.

विशेष कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में आरोपी को सुनाई सजा
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17 गवाहों ने दिया बयान
विशेष लोक अभियोजक हरिनारायण त्रिवेदी ने मामले में बताया कि केस न्यायाधीश यशवंत वासनिकर के सामने अपर-सत्र फास्ट ट्रैक, विशेष कोर्ट (पॉक्सो) में पहुंचने पर कुल 17 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. मामले में विधिवत सभी पक्षों की सुनवाई के बाद लगाई गई तीनों धाराओं में आरोप सिद्ध पाए जाने पर आरोपी गुरिंदर सिंह को धारा 6, पॉक्सो एक्ट के तहत 20 साल का सश्रम जेल और पांच हजार रुपये अर्थ दंड, धारा 366 के तहत 5 साल सश्रम कारावास और दो हजार रुपये अर्थ दंड और धारा 363 के तहत दो साल का सश्रम कारावास और एक हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई गई है.
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