Suposhan Abhiyan in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewara) जिले से महिला बाल विकास विभाग (Women Child Development Department) की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां बच्चों के लिए भेजी गई मूंगफली चिक्की विभाग के सरकारी गोदाम में ही सड़ गई. मालूम हो कि सरकार की 'सुपोषण अभियान' (Suposhan Abhiyan) के तहत ये मूंगफली चिक्की 3 से 6 साल तक के बच्चों को पोषण के लिए बांटी जाती है. इसके हर पैकेट की कीमत 5 रुपये 85 पैसे होती है. लेकिन कुआकोंडा ब्लॉक (Kuakonda Block) में विभाग की अनदेखी और लापरवाही के चलते इस अहम योजना का लाभ नौनिहालों तक नहीं पहुंच सका. बताया जा रहा है कि ये मूंगफली की चिक्की 90 दिनों तक ही खाने लायक रहती है. उसके बाद ये एक्सपायर हो जाती है. ऐसे में ताज़ा मामले में हजारों पैकेटों को एक्सपायर होने के बाद जलाकर स्वाहा कर दिया गया. मामले में एक और हैरान करने वाली बात ये है कि गोदाम के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की भी कई तस्वीरें कचरे में पड़ी मिली.
मार्च में आई चिक्की अब तक नहीं बंट पाई
बताते चले कि दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा ब्लॉक में 150 से ज़्यादा आंगनबाड़ी केंद्र हैं जहां रोजाना सैकड़ों आदिवासी बच्चों को सुपोषण योजना के तहत मूंगफली चिक्की दी जानी थी. लेकिन मार्च महीने की आई चिक्की अक्टूबर तक नहीं बांटी गई.... और समय पर न बांटे जाने से हजारों चिक्कियां गोदाम में ही पड़े-पड़े सड़ गईं. इस लापरवाही का खामियाजा आदिवासी बच्चों को उठाना पड़ा जो इस योजना से वंचित रह गए. लापरवाही का ये मामला महिला बाल विकास विभाग की लापरवही को उजागर करता है. जहां सरकारी वादों का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाता और ये योजनाएं कागजों में ही सिमट कर रह जाती हैं.
पूर्व CM और मंत्री की तस्वीरें कूड़ेदान में मिलीं
मामले में और भी चौंकाने वाली बात यह रही कि के बाहर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Former CM Bhupesh Baghel) और पूर्व महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया (Anila Bhediya) की सैकड़ों तस्वीरें कूड़ेदान में पड़ी मिलीं. ये तस्वीरें उस समय आंगनबाड़ी केंद्रों में बांटी जानी थीं लेकिन इन्हें भी लापरवाही के चलते नहीं बांटा गया. यह स्थिति दिखाती है कि जिन योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं... उन योजनाओं की जमीनी हकीकत क्या है ? ऐसे में इसका फायदा लोगों तक नहीं पहुंच पाता.
गोदाम में बिखरा पड़ा मिला सरकारी सामान
गोदाम के अंदर का हाल तो और भी बुरा था. गर्भवती और शिशुवती माताओं के लिए भेजा गया रेडी टू ईट फूड (Ready to Eat Food) और खेलने के भी सामान बेतरतीब ढंग से पड़े हुए थे. गोदाम में व्यवस्था पूरी तरह से बिखरी हुई नजर आई और कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था.
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घटना को लेकर जिला अधिकारी ने कहा ये
मामले की जानकारी मिलने के बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी वरुण नागेश (Varun Nagesh) से संपर्क किया गया जिन्होंने इस पूरे मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा, "मैं मामले को दिखवाता हूं और यह भी पता लगाता हूं कि वितरण क्यों नहीं हुआ? " अब देखना होगा कि क्या इस मामले में कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे या ये मामला भी अनदेखी का शिकार हो जाएगा.
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