विज्ञापन

Farmers News: सुकमा में धान के खेतों में दिखा इस कीड़े का प्रकोप, कृषि एक्सपर्ट्स ने बताए प्रभावी उपाय

Kisan Samachar: कृषि विज्ञान केन्द्र सुकमा के कृषि वैज्ञानिकों ने जिले के मुरतोणडा, पेरमापारा, नीलावरम, तोगपाल, सोनाकुकानार, नयानार, रामपुरम का मैदानी भ्रमण के दौरान धान के खेत में पत्ती मोड़क कीट का प्रकोप पाया गया, इसे पत्ति लपेटक या चितरी या सोरटी कहा जाता है.

Farmers News: सुकमा में धान के खेतों में दिखा इस कीड़े का प्रकोप, कृषि एक्सपर्ट्स ने बताए प्रभावी उपाय

Kisan News: छत्तीसगढ़ सरकार कृषि विज्ञान केन्द्रों (Krishi Vigyan Kendra) के माध्यम से किसानों (Farmers) को कृषि उपचार के लिए लगातार सलाह प्रदान कर रही है. राज्य के जिलों में खेती-किसानी (Kheti-Kisani) में होने वाले बीमारियों को जिलावार चिन्हाकित कर कीटनाशक (Insecticides) छिड़काव के बारे में किसानों को जानकारी दी जा रही है. इन दिनों धान का कटोरा कहलाने वाले राज्य छत्तीसगढ़ में सुकमा जिले के विभिन्न गांवों में धान के खेतों मे पत्ती मोड़क कीट का प्रकोप दिखाई दिया है इसे पत्ति लपेटक या चितरी या सोरटी भी कहा जाता है. इसके उपचार के लिए कीटनाशक छिड़काव के विधि और तरीके कृषि एक्सपर्ट्स (Agriculture Experts) द्वारा बताए गए हैं.

Farmers News: सुकमा में दिखा धान के खेतों में कीटों का प्रकोप

Farmers News: सुकमा में दिखा धान के खेतों में कीटों का प्रकोप

KVK के एक्टपर्ट्स ने दी यह सलाह

कृषि विज्ञान केन्द्र सुकमा के कृषि वैज्ञानिकों ने जिले के मुरतोणडा, पेरमापारा, नीलावरम, तोगपाल, सोनाकुकानार, नयानार, रामपुरम का मैदानी भ्रमण के दौरान धान के खेत में पत्ती मोड़क कीट का प्रकोप पाया गया, इसे पत्ति लपेटक या चितरी या सोरटी कहा जाता है.

इस कीट की इल्ली अवस्था फसल को नुकसान पहुंचाती है इस कीट की इल्ली अपने लार द्वारा पत्ती की नोंक को या पत्तियों के दोनों सिरो को चिपका लेती है इस तरह इल्ली इसके अंदर रहकर पत्तियों के हरे भाग (क्लोरोफिल) को खुरच खुरच कर खा जाती है जिसके कारण पत्तियों पर सफेद धारियां दिखाई देती है, जिसकी वजह से पत्तियों में भोजन बनाने की प्रकिया नहीं हो पाती है.

क्या उपाय करें?

कीट के प्रकोप से पत्तियाँ बाद में सुखकर मुरझा जाती हैं व फसल की ग्रोथ भी रुक जाती हैं. इसके नियंत्रण और उपचार के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने प्रभावी उपाय अपनाने किसानों को सलाह दिया. जिनमें खेतों एवं मेड़ों को खरपतवार मुक्त रखें. संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों का उपयोग करें. खेतों मे चिडियों के बैठने के लिए टी आकार की पक्षी मीनार लगाए. रात के कीट को पकड़ने के लिए प्रकाश प्रंपच या लाइट ट्रैप खेतों में लगाएं. अण्डे या इल्ली दिखाई देने पर उसे इकट्ठा करके नष्ट करें. कीट से प्रभावित खेतों में रस्सी चलाएं. कृषि वैज्ञनिकों ने बताया कि बारिश रुकने व मौसम खुला होने पर कोई एक कीटनाशक का स्प्रे काराये.

क्लोरोपायरीफास 20 ईसी 1250 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या कर्टाफ हाइड्रोक्लोराइड 50 एस.पी. 1000 ग्राम प्रति हेक्टेयर या क्लोरेटानिलिप्रोएल 18.5ः एस.सी. 150 ग्राम प्रति हेक्टेयर या इंडोक्साकार्ब 15.80 प्रतिशत ई.सी. 200 मि.ली. प्रति हेक्टेयर का उपयोग करके प्रभावी नियंत्रण कर सकते हैं.

ठीक न होने पर 15 दिन बाद दूसरे कीटनाशक का छिडकाव करें और अधिक जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करके ही रासायनिक दवाइयों का उपयोग करें.

यह भी पढ़ें : Cyber Tehsil: MP के किसानों के लिए सामने आई बड़ी खुशखबरी, मोहन सरकार ने किया ये बड़ा फैसला

यह भी पढ़ें : किसान क्रेडिट कार्ड योजना: छत्तीसगढ़ के किसानों को मिला 6281 करोड़ रुपये का कृषि ऋण, साय सरकार में KCC बना वरदान

यह भी पढ़ें : KYC Update: बैंकों की तरह अब MP के बिजली उपभोक्ताओं को अपडेट करानी होगी KYC, MPEB कराएगी ये काम

यह भी पढ़ें : आदिवासियों के लिए खुशखबरी, अब PM JANMAN के तहत सरकारी नौकरियों में होगी सीधी भर्ती

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close