Paddy Lifting from Centers: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) जिले में बंपर धान खरीदी (Paddy Purchase) के बाद अब उठाओ नहीं हो रही है. इस वजह से सहकारी समितियां (Cooperative Societies) परेशान नजर आ रही हैं. धान खरीदी केंद्रों में पड़े हुए धान अब सहकारी समितियां के सिर का दर्द बनते जा रहा हैं... वहीं, तेज धूप में धान सूखने की वजह से शॉर्टेज होने का डर किसानों को सता रहा है. इसे लेकर सहकारी समितियां अब प्रशासन के विरोध में खड़ी हो रही हैं.
समितियां जता रही हैं विरोध
धान उठाओ ना होने की वजह से बिलासपुर जिले की समितियां और मिलर के बीच खींचातानी की स्थिति पैदा हो गई है. इस पूरे मामले में विपणन विभाग लगातार दोनों के बीच सामंजस्य स्थापित करने और जल्द से जल्द धान उठाओ की कोशिश में लगा हुआ है. जिला विपणन अधिकारी की माने तो, जिले में सात लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी के बाद अब केवल 11 हजार मिट्रिक टन धान का उठाव बाकी है. धान उठाओ में दिक्कतों का एक कारण बंपर मात्रा में हुई धान खरीदी भी है.
रिकॉर्ड हुई थी धान खरीदी
पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस वर्ष प्रदेश में 19 लाख मैट्रिक टन की अधिक धान खरीदी हुई थी. वहीं, बड़े पैमाने पर धान उठाओ का कार्य भी जारी है. विभाग की लापरवाही के कारण निश्चित समय सीमा के निर्धारण के बाद भी धान उठाव का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है.
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इस समय अवधि में अचानक हुए बारिश से कई समितियों में धान भीगकर खराब हो चुकी है, जिसका जिक्र ना तो प्रबंधक कर रहे हैं और ना ही विभाग के अधिकारी... लेकिन, इस लेटलतीफी से हुए नुकसान का खामियाजा समिति प्रबंधकों को करना पड़ेगा. बहरहाल, यह काम अब अंतिम दौर पर पहुंच चुका है और कुछ दिनों के अंदर धान उठाव का काम पूरा कर लिया जाएगा.
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