Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की कई धाराओं में संशोधन कर राज्य सरकार ने लगभग हर श्रेणी के जुर्मानों को कई गुना बढ़ा दिया है.इसका असर सीधे उन लोगों पर पड़ेगा, जो अब तक नियमों को मामूली समझकर अनदेखा करते थे.
नई कार्रवाई दरों के लागू होने के बाद थोड़ी-सी लापरवाही भी जेब से हजारों रुपये खींच सकती है. कुछ मामलों में तो दंड राशि लाखों तक पहुंच सकती है. यह नियम दुर्ग जिले की चारों नगर पालिकाओं नंदिनी-अहिवारा, जामुल, कुम्हारी और अमलेश्वर में प्रभावी होंगे.
इतना लगेगा जुर्माना
बिना पट्टा बांधे कुत्ता घुमाने पर 1,000 रुपये और नाली या निर्धारित जगह छोड़कर सड़क या सार्वजनिक स्थल पर थूकने पर 500 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है. सार्वजनिक क्षेत्रों में पेड़ों की डालियां काटना या फूल-फलों को नुकसान पहुंचाने पर पहले 1 हजार रुपये का जुर्माना था, जिसे बढ़ाकर 5 हज़ार रुपये कर दिया गया है. गलती दोहराने पर दंड सीधे 10 हज़ार रुपये तक पहुंच जाएगा.
बिना अनुमति निर्माण करने वालों पर अब कड़ा शिकंजा कस गया है. धारा 187 के अनुसार अवैध निर्माण पर पहले 1 हजार रुपये दंड लगता था, अब यह 10 हजार रुपये कर दिया गया है. इसके बाद गलत निर्माण जारी रहने पर प्रतिदिन 1 हजार रुपये अतिरिक्त देना होगा.
इसी तरह, धारा 208 में नगर पालिका की भूमि पर कब्जा करने वालों पर जुर्माना 1 हज़ार से बढ़ाकर 5 हजार रुपये कर दिया गया है. सड़कों पर अवैध रूप से निकले बरामदे, बालकनी या छज्जों पर अब 2 हज़ार रुपये का दंड और रोजाना 500 रुपये की पेनल्टी लगेगी। नगर पालिका की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना जैसे दीवारों पर पोस्टर चिपकाना या पेंट करना अब 25 रुपये से सीधे 5 हजार रुपये हो गया है (धारा 198).
सफाई और संरचना से जुड़े मामलों में भी बढ़ी सख्ती
नालियों पर कब्जा करने पर (धारा 212) दंड 25 से बढ़कर 500 रुपये, फुटपाथ, लैम्पपोस्ट या अन्य सरकारी संपत्ति को नुकसान पर (धारा 222) जुर्माना 100 से बढ़कर 1 हजार रुपये, मरम्मत/निर्माण कार्य के दौरान बैरिकेड व लाइट न लगाने पर 1,000 रुपये और रोजाना 500 रुपये अतिरिक्त देना होगा.उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए कॉलोनाइज़रों पर भारी जुर्माने तय किए गए हैं. धारा 339 के तहत किसी भी प्लॉट या मकान के विज्ञापन से पहले उसका ब्रोशर नगर पालिका में जमा करना अनिवार्य है. पहले दंड 25 हजार रुपये और प्रतिदिन 1 हजार रुपये था, अब इसे बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये और प्रतिदिन 10 हजार रुपये कर दिया गया है. खरीददार से पैसा लेने से पहले अनिवार्य समझौता न करने पर भी दंड सीधे 2.50 लाख रुपये कर दिया गया है.
जन्म या मृत्यु की सूचना आठ दिनों के भीतर देना आवश्यक है. सूचना छिपाने पर (धारा 276) दंड 50 रुपये से बढ़कर 1 हजार रुपये हो गया है.खाद्य सुरक्षा से संबंधित मामलों में भी सख्ती बढ़ाई गई है, खराब, बासी या अस्वास्थ्यकर पदार्थ बेचने पर (धारा 269) दंड 500 रुपये से बढ़ाकर 5 हजार रुपये कर दिया गया है.सार्वजनिक स्थानों पर शरारत, अशांति या जोखिम पैदा करने वाली गतिविधियाँ जैसे पतंग उड़ाना, आतिशबाजी या खतरनाक खेल अब 25 की बजाय 500 रुपये में दंडनीय होंगी.
ये भी पढ़ें पलट गए नक्सली! सरेंडर को तैयार नहीं, 2 से 8 दिसंबर तक PLGA सप्ताह मनाएंगे, लिखा- संघर्ष और भी तेज करेंगे
गंदगी फैलाने वालों पर कड़ा प्रहार
सफाई व्यवस्था से जुड़े सभी अपराधों पर भारी जुर्माने तय हुए हैं. सड़क पर कचरा फेंकना, धूल फैलाना, नाली में कचरा डालना, मलजल छोड़ना, गंदी इमारतें रखना इन सभी पर दंड 500 से 1,000 रुपये तक, कुछ मामलों में प्रतिदिन 500 रुपये अतिरिक्त भी देना होगा.तालाब, नालों और कुओं को गंदा करने पर पहले 50 रुपये का जुर्माना था, जिसे बढ़ाकर 500 रुपये किया गया है.
ये भी पढ़ें नक्सली हिड़मा–राजे Love Story: बंदूकों के साए में जन्मीं वह प्रेम कहानी, जो मुठभेड़ में साथ ही खत्म हो गई