
दुर्ग रेलवे स्टेशन में हुई कथित धर्मांतरण और मानव तस्करी के मामले की जांच के लिए कांग्रेस की चार सदस्यीय उच्च स्तरीय टीम मंगलवार को नारायणपुर के ओरछा पहुंची. जांच टीम ने पीड़ित आदिवासी युवतियों और उनके परिवार से मुलाकात की और दुर्ग बजरंग दल व कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हंगामा करते हुए केरल की दो ननों व तीन आदिवासी युवतियों को ट्रेन से रोक लिया था. बजरंग दल ने आरोप लगाया कि नन युवतियों को बहला कर आगरा ले जा रही थीं, जहां उनका धर्मांतरण कराया जाना था. इस मामले में पुलिस ने दो ननों समेत तीन लोगों के खिलाफ धर्मांतरण और मानव तस्करी की धाराओं में केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया.
इस गंभीर प्रकरण की जांच करने के लिए कांग्रेस ने चार सदस्यीय टीम गठित की, जिसमें बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल, भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मनोज मांडवी, पूर्व मंत्री मोहन मरकाम और नारायणपुर के पूर्व विधायक चंदन कश्यप शामिल हैं.
टीम ने ओरछा पहुंचकर युवतियों और उनके परिवार से मुलाकात करने के साथ ही उनका पक्ष जाना. इसके बाद जांच टीम ने नारायणपुर स्थित कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. कांग्रेस ने बजरंग दल, सामाजिक कार्यकर्ता ज्योति शर्मा सहित भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने कहा कि नारायणपुर पुलिस युवतियों की शिकायत दर्ज नहीं कर रही है और उन्हें न्याय के लिए भटकना पड़ रहा.
कांग्रेस विधायक ने क्या कहा
भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मनोज मांडवी ने कहा कि हमारी आदिवासी बेटियों के साथ दुर्ग रेलवे स्टेशन पर जबरन छेड़छाड़ की गई, मानसिक उत्पीड़न किया गया. बजरंग दल ने उन्हें घेरकर धमकाया. यह सीधा आदिवासी अस्मिता पर हमला है. हम इस पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं.
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बताया कि यह मामला केवल धर्मांतरण का नहीं बल्कि आदिवासी बेटियों की गरिमा और अधिकारों का है. प्रशासन का रवैया पक्षपातपूर्ण है. बजरंग दल और सामाजिक कार्यकर्ता ज्योति शर्मा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.